स्विगी और कर्नी द्वारा जारी “How India Eats 2025” रिपोर्ट के अनुसार, भारत का फूड सर्विस इंडस्ट्री 2030 तक 125 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि संगठित (organized) फूड सर्विस मार्केट की बढ़त अनसंगठित (unorganized) मार्केट से दोगुनी होगी और यह अगले दशक में अनसंगठित से आगे निकल जाएगी।
वर्तमान में फूड सर्विस उद्योग भारत की GDP का केवल 1.9% है, जबकि चीन में यह 5% और ब्राजील में 6% है, जो दर्शाता है कि इसमें वृद्धि की बहुत संभावनाएँ हैं। बढ़ती आमदनी, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का व्यापक उपयोग और उपभोक्ताओं की सुविधा की मांग इस बदलाव को बढ़ावा दे रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ग्राहक अब ज्यादा परक और विविध विकल्पों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। प्रति ग्राहक ऑर्डर की जाने वाली अनोखी क्यूज़ीन में 20% की वृद्धि और विभिन्न रेस्टोरेंट्स आज़माने में 30% की बढ़ोतरी देखी गई है। देर रात ऑर्डरिंग तेजी से बढ़ रही है, जिसमें पिज़्ज़ा, केक और सॉफ्ट ड्रिंक्स सबसे लोकप्रिय हैं।
स्वास्थ्य पर ध्यान देने वाले भोजन की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। प्रोटीन युक्त, कैलोरी नियंत्रित और कम शुगर वाले “Better-for-you” भोजन की वृद्धि सामान्य ऑर्डर से 2.3 गुना तेजी से हो रही है। इस तरह भारतीय ग्राहक स्वाद और स्वास्थ्य दोनों को समान महत्व दे रहे हैं।
रिपोर्ट ने दो मुख्य मूवमेंट्स की पहचान की है जो फूड सर्विस सेक्टर की अगली लहर को आकार देंगे:
भारत अपनी जड़ों को फिर से खोज रहा है: गोवा, बिहार और पहाड़ी जैसी हाइपर-रीजनल क्यूज़ीन मुख्यधारा की तुलना में 2–8 गुना तेजी से बढ़ रही हैं। छाछ और शरबत जैसी पारंपरिक पेय पदार्थों की मांग 4–6 गुना बढ़ी है। डिजिटल ऑर्डरिंग से चाय का सेवन तीन गुना बढ़ा है।
वैश्विक व्यंजन रोज़मर्रा का हिस्सा बन रहे हैं: कोरियाई, वियतनामी और मेक्सिकन क्यूज़ीन में क्रमशः 17x, 6x और 3.7x वृद्धि हुई है। बोबा टी की खोज 11 गुना और मैच का 4 गुना बढ़ी है। सुशी, टैकोस और कोरियन BBQ अब शहरी उपभोक्ताओं के बीच आम बन गए हैं।
स्विगी फूड मार्केटप्लेस के सीईओ रोहित कपूर ने बताया कि कंपनी की 10-मिनट डिलीवरी सर्विस Bolt अब कुल ऑर्डर का 10% से अधिक योगदान देती है। कर्नी के पार्टनर राजत तुली ने कहा कि प्रमुख मेट्रो शहरों के बाहर फूड सर्विस की वृद्धि दोगुनी हो रही है, और Gen Z नए ट्रेंड्स को आगे बढ़ा रहा है।
फूड सर्विस ब्रांड्स तेजी, किफायती दर और अनुभव पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। डिजिटल मार्केटिंग से लेकर इनोवेटिव अनबॉक्सिंग पैकेजिंग तक, ये प्रयास ग्राहकों को बेहतर डिलीवरी अनुभव देने के लिए किए जा रहे हैं।
भारत में फूड सर्विस सेक्टर का यह तेजी से बदलता परिदृश्य न केवल नए अवसर पैदा कर रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वाद और अनुभव को भी नई दिशा दे रहा है।