अमेज़न और फ्लिपकार्ट लोन मार्केट में उतरे

अमेज़न और फ्लिपकार्ट लोन मार्केट में उतरे

अमेज़न और फ्लिपकार्ट लोन मार्केट में उतरे
अमेज़न और फ्लिपकार्ट भारत में छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए नए लोन उत्पादों के साथ अपने वित्तीय सेवाओं के विस्तार की तैयारी में हैं।

ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट भारत के वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही हैं। दोनों कंपनियाँ उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के लिए नए लोन उत्पाद लॉन्च करेंगी, जिससे पारंपरिक बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा और तेज़ होने की संभावना है।

अमेज़न (Amazon) , जिसने इस साल की शुरुआत में बेंगलुरु स्थित नॉन-बैंकिंग लेंडर एक्सियो (Axio) का अधिग्रहण किया था, अब प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से छोटे व्यवसायों को फिर से ऋण उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। वर्तमान में बीएनपीएल (BNPL) और पर्सनल लोन प्रदान करने वाला Axio जल्द ही अमेज़न सेलर्स के लिए कैश मैनेजमेंट समाधान भी शुरू करेगा। अमेज़न इंडिया के पेमेंट्स प्रमुख महेंद्र नेरुरकर ने बताया कि कंपनी छोटे शहरों और डिजिटल रूप से सक्रिय ग्राहकों के लिए कस्टमाइज्ड लेंडिंग उत्पाद तैयार कर रही है, जिससे व्यापारी अपनी कैश फ्लो जरूरतें बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे।

दूसरी ओर, फ्लिपकार्ट अपनी कंज्यूमर लेंडिंग सर्विस शुरू करने की तैयारी में है। मार्च में रजिस्टर्ड फ्लिपकार्ट फाइनेंस को आरबीआई (RBI) से अंतिम मंजूरी का इंतज़ार है। कंपनी दो पे-लेटर उत्पाद लॉन्च करेगी ऑनलाइन खरीदारों के लिए 3 से 24 महीने के बिना लागत वाली किस्त (नो-कॉस्ट EMI) लोन, और 18–26% ब्याज दर वाले कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन। यह दरें पारंपरिक बैंकों की तुलना में अधिक होंगी, जो सामान्यतः 12–22% तक ब्याज देते हैं। सूत्रों के अनुसार, फ्लिपकार्ट इन उत्पादों को अगले साल लॉन्च करने की योजना बना रहा है।

CRIF High Mark के अनुसार, भारत का कंज्यूमर लोन बाजार मार्च 2020 के लगभग 80 अरब डॉलर से बढ़कर मार्च 2025 तक 212 अरब डॉलर तक पहुँच चुका है। हाल के महीनों में वृद्धि धीमी हुई है, लेकिन पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड और कंज्यूमर फाइनेंसिंग जैसी श्रेणियों में अभी भी भारी अवसर मौजूद हैं।

अमेज़न और फ्लिपकार्ट दोनों यूपीआई (UPI)  ट्रांजेक्शन में शीर्ष 10 ऐप्स में शामिल हैं, जिससे उन्हें उपभोक्ता और व्यापारी व्यवहार से जुड़े विशाल डेटा तक पहुंच मिलती है। ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर रोहन लखियार ने कहा कि इन प्लेटफ़ॉर्म्स के पास सप्लाई और डिमांड दोनों तरफ का डेटा है, इसलिए इनके लोन कारोबार में सफल होने की संभावना काफी अधिक है हालाँकि सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे अपने कोर रिटेल बिजनेस से आगे बढ़कर इस नए क्षेत्र में कितनी प्रभावी तरह से काम करते हैं।

 

 

 

 

 

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