कनाडाई निवेशक ने फेमस ब्रिटिश भारतीय रेस्तरां ग्रुप MW Eat को खरीदा

कनाडाई निवेशक ने फेमस ब्रिटिश भारतीय रेस्तरां ग्रुप MW Eat को खरीदा

कनाडाई निवेशक ने फेमस ब्रिटिश भारतीय रेस्तरां ग्रुप MW Eat को खरीदा
1990 में चटनी मैरी के शुभारंभ के साथ स्थापित MW Eat अब फेयरफैक्स पोर्टफोलियो में शामिल हो जाएगा, जिसमें पहले से ही प्रमुख भारतीय हित शामिल हैं।

ब्रिटेन के कुछ सबसे फेमस भारतीय रेस्तरांओं के पीछे हॉस्पिटैलिटी  ग्रुप MW Eat को टोरंटो स्थित फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स के सहयोगियों द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया है। कंपनी का कहना है कि इस सौदे से उसके लंबे समय से प्लान की गई योजनाओं को अंतर्राष्ट्रीय विस्तार मिलेगा।

वीरास्वामी के ऑपरेटर MW Eat ने मंगलवार को घोषणा की, कि स्वामित्व में परिवर्तन से महत्वपूर्ण निवेश आएगा, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अपने ब्रांडों का विस्तार करना और नए रेस्तरां प्रारूपों के साथ प्रयोग करना है।

रेस्टोरेंट की ग्रुप डायरेक्टर कैमेलिया पंजाबी का जन्म मुंबई में हुआ था, इन्हें लोग एक लेखिका के रूप में भी जानते हैं, इन्होंने इस अधिग्रहण को कंपनी के लिए एक परिवर्तनकारी अध्याय बताया।

उन्होंने कहा "फेयरफैक्स भारत के लिए वित्तीय मजबूती, वैश्विक दृष्टिकोण और लॉंन्ग-टर्म कमिटमेंट लेकर आया है।" उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे समूह अपने अगले चरण में प्रवेश करेगा MW Eat की टीमों को विस्तारित अवसरों का लाभ मिलेगा।

पंजाबी ने आगे कहा कि वह और उनकी साथी डायरेक्टर नमिता पंजाबी तथा रंजीत मथरानी फेयरफैक्स को सीमलेस ट्रांसफर के माध्यम से सहयोग प्रदान करेंगे, क्योंकि नए मालिक समूह के ब्रांडों को ब्रिटेन से बाहर ले जाना चाहते हैं।

1990 में चटनी मैरी के लॉन्च के साथ स्थापित, MW Eat अब फेयरफैक्स के पोर्टफोलियो में शामिल हो जाएगा, जिसमें पहले से ही बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, थॉमस कुक (इंडिया) और स्टर्लिंग हॉलिडे रिसॉर्ट्स जैसे प्रमुख भारतीय हित शामिल हैं।

फेयरफैक्स के प्रमुख प्रेम वत्स ने फेमस रेस्टोरेंट ब्रांड बनाने के लिए MW Eat के नेतृत्व तिकड़ी की प्रशंसा की और कनाडा के रेसिपी रेस्टोरेंट समूह के माध्यम से हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में कंपनी के अनुभव का उल्लेख किया।

इस अधिग्रहण ने रीजेंट स्ट्रीट पर स्थित और लंदन के सबसे पुराने भारतीय रेस्टोरेंट माने जाने वाले वीरास्वामी के भविष्य पर भी नए सिरे से ध्यान आकर्षित किया है। वहीं इसकी अगले साल अदालती सुनवाई होने की उम्मीद है। बता दें कि वीरास्वामी जो 1926 में खुलने के बाद से 100 वर्ष पूरे करने के करीब है और आगे भी खुला रहेगा, क्योंकि उद्योग जगत के लोग इसके ऐतिहासिक घर को संरक्षित करने के प्रयासों के पीछे एकजुट हैं।

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