छोटे व्यवसायों को 10 करोड़ रुपये तक की नई क्रेडिट गारंटी सुविधा

छोटे व्यवसायों को 10 करोड़ रुपये तक की नई क्रेडिट गारंटी सुविधा

छोटे व्यवसायों को 10 करोड़ रुपये तक की नई क्रेडिट गारंटी सुविधा
भारत सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए क्रेडिट गारंटी फंड में 9,000 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे छोटे व्यवसायों को 2 लाख करोड़ रुपये तक अतिरिक्त क्रेडिट मिले।

भारत सरकार ने माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज (MSME) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट में 9,000 करोड़ रुपये की बड़ी पूंजी वृद्धि की घोषणा की है। इस कदम का उद्देश्य छोटे व्यवसायों को 2 लाख करोड़ रुपये तक अतिरिक्त क्रेडिट कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराना है। यह पहल एमएसएमई  मंत्रालय के तहत क्रेडिट गारंटी स्कीम का हिस्सा है।

साथ ही, हर एंटरप्राइज के लिए गारंटी सीमा को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे योग्य उधारकर्ताओं को सुरक्षा का बड़ा जाल मिलेगा। इस सुधार की जानकारी एमएसएमई  राज्य मंत्री ने संसद में लिखित उत्तर में दी। मंत्रालय ने कहा कि यह पैकेज छोटे व्यवसायों को वित्त तक आसान पहुंच, तकनीक अपनाने को प्रोत्साहन, समय पर भुगतान सुनिश्चित करना और नियमों की चुनौतियों को कम करने के लिए तैयार किया गया है।

समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने SAMADHAAN पोर्टल का महत्व भी बताया, जिसे 2017 में देरी से होने वाले भुगतानों की निगरानी के लिए लॉन्च किया गया था। इसके अलावा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 161 माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज फैसिलिटेशन काउंसिल्स स्थापित की गई हैं ताकि बकाया भुगतानों से जुड़े विवादों का तेजी से निपटारा किया जा सके।

छोटे व्यवसायों के लिए कैश फ्लो सुधारने के प्रयासों में ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (TReDS) का विस्तार भी शामिल है। अब कम से कम 250 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली कॉरपोरेट और केंद्रीय पीएसई कंपनियों को ऑनबोर्ड किया जाएगा, जिससे अधिक छोटे फर्में इलेक्ट्रॉनिक डिस्काउंटिंग का लाभ उठा सकेंगी।

मंत्रालय ने इस सेक्टर के लिए अन्य समर्थन उपायों की भी जानकारी दी। इसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत नए माइक्रो व्यवसायों को सब्सिडी, PM विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ब्याज सबवेंशन लोन, और आत्मनिर्भर भारत फंड के माध्यम से इक्विटी सपोर्ट शामिल हैं। यह फंड सरकारी और निजी निवेश के संयोजन से 50,000 करोड़ रुपये तक छोटे उद्यमों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखता है।

अनुपालन बोझ कम करने के लिए मंत्रालय ने उद्योग पंजीकरण पोर्टल (Udyam Registration Portal) को 2020 में और Udyam Assist Platform को 2023 में लॉन्च किया, ताकि अनौपचारिक उद्यमों को औपचारिक बनाया जा सके। इसके अलावा, नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम भी मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच प्रक्रियाओं को एकीकृत कर अनुमोदनों को सरल बनाता है।

 

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