इकोनॉमिक टाइम्स (ईटी) द्वारा उद्धृत सूत्रों के अनुसार, डील में एक विशेष फ्रेंचाइजी व्यवस्था शामिल है, जो हल्दीराम को देश भर में जिमी जॉन के आउटलेट चलाने का अधिकार देगी। हालांकि हल्दीराम ने इन दावों का दृढ़ता से खंडन किया है।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने इस शंका को लेकर साफ कर दिया है कि "इस स्तर पर हम इंस्पायर ग्रुप के साथ अपने समर्थन करने के बारे में खोजबीन कर रहे हैं, वहीं हमारा मानना है कि यह एक ठोस साझेदारी की नींव है लेकिन इस स्तर पर अन्य सभी प्रयास पूरी तरह से काल्पनिक हैं।
"यदि यह साझेदारी साकार होती है तो यह हल्दीराम का पश्चिमी स्टाइल के फास्ट सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) में पहला महत्वपूर्ण प्रवेश होगा, जो भारतीय मिठाइयों और स्नैक्स पर अपने पारंपरिक फोकस से आगे बढ़ेगा। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि ब्रांड का लक्ष्य सबवे और टिम हॉर्टन्स जैसी स्थापित क्यूएसआर श्रृंखलाओं के मुकाबले खुद को खड़ा करना है।"
वर्तमान में यह विभाग देश भर में 150 से ज्यादा आउटलेट चलाता है और समूह के पैकेज्ड फूडल बिजनेस, हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड से स्वतंत्र रूप से कार्य करता है। वहीं 1983 में स्थापित जिमी जॉन्स संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात में 2,600 से ज्यादा आउटलेट संचालित करती है। ईटी के अनुसार इसे अमेरिका में सबसे बड़ी डिलीवरी सैंडविच श्रृंखला के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो पूरे सिस्टम में 2.6 बिलियन डॉलर की बिक्री करती है।
इसकी मूल कंपनी इंस्पायर ब्रांड्स कई अंतरराष्ट्रीय खाद्य श्रृंखलाओं का प्रबंधन करती है, जिनमें डंकिन, बास्किन-रॉबिंस, आर्बी, बफैलो वाइल्ड विंग्स और सोनिक शामिल हैं। 2024 में इसने 33,000 रेस्तरां के वैश्विक नेटवर्क में सिस्टम-वाइड बिक्री में $32.6 बिलियन की सूचना दी। भारत में इंस्पायर ब्रांड्स ने डंकिन जुबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड और बास्किन-रॉबिंस ग्रेविस ग्रुप के साथ पहले से ही अनन्य फ्रैंचाइजी समझौतों के माध्यम से एक स्थापित उपस्थिति दर्ज कराई हुई है।
इंस्पायर ब्रांड्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर माइकल हेली ने कहा “40 वर्षों से जिमी जॉन्स ने गुणवत्ता वाले सैंडविच बनाने के लिए एक सीधा दृष्टिकोण अपनाया है इससे पहले अप्रैल 2025 में कंपनी ने पोटेंशियल पब्लिक लिस्टिंग की तैयारी के तहत अपने दिल्ली और नागपुर एफएमसीजी परिचालन को हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड के तहत साझा कर दिया था।
ईटी के अनुसार नियामकीय दस्तावेजों से पता चलता है कि विलय के बाद बने कारोबार ने वित्त वर्ष 24 में 12,800 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 1,400 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। कंपनी ने प्रमुख वैश्विक निवेशकों को भी आकर्षित किया है। सिंगापुर की टेमासेक ने हाल ही में हल्दीराम स्नैक्स फूड में 10% हिस्सेदारी खरीदी है, जिससे कंपनी का मूल्यांकन लगभग 10 अरब डॉलर आंका गया है। इस बीच, अल्फा वेव ग्लोबल और अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) ने मिलकर 6 % हिस्सेदारी खरीदी।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारत का रेस्टोरेंट और क्यूएसआर उद्योग तेजी से विस्तार कर रहा है। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) का अनुमान है कि यह क्षेत्र वित्त वर्ष 2024 के 5.69 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2028 तक 7.76 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा और ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता से मदद मिलेगी।
इस वर्ष की शुरुआत में हल्दीराम के फाउंडर कमल अग्रवाल ने अपने कार्यालय के माध्यम से WOW momo में 150 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे ज्वाइंट फूड सर्विस क्षेत्र में कंपनी की बढ़ती रुचि का संकेत मिलता है।