IFC ने नए सोलर पावर प्लांट के लिए कैंडी सोलर को 58.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का समर्थन दिया

IFC ने नए सोलर पावर प्लांट के लिए कैंडी सोलर को 58.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का समर्थन दिया

IFC ने नए सोलर पावर प्लांट के लिए कैंडी सोलर को 58.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का समर्थन दिया
इस फंड का उपयोग भारत और दक्षिण अफ्रीका में अपने कॉन्ट्रैक्ट किए गए पोर्टफोलियो को 400 मेगावाट से अधिक तक विस्तारित करने के लिए किया जाएगा।

कैंडी सोलर ने वर्ड बैंक ग्रुप के सदस्य अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम के नेतृत्व में 58.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए हैं।

इस बारे में कंपनी ने विस्तार से बताया कि इस धनराशि का उपयोग भारत और दक्षिण अफ्रीका में अपने कॉन्ट्रैक्ट किए गए पोर्टफोलियो को 400 मेगावाट से अधिक तक विस्तारित करने के लिए किया जाएगा। यह निवेश उसके प्रदर्शन-आधारित उत्पाद श्रृंखला के विकास में भी सहायक होगा, जिसमें भंडारण-आधारित ऊर्जा समाधान शामिल हैं।

निशांत सूद फैबियो युकलिप्टो और फिलिप फ्लैमंड द्वारा 2018 में स्थापित कंपनी कैंडी सोलर एक वितरित ऊर्जा मंच (Distributed Energy Platform) के रूप में काम करता है जो भारत और दक्षिण अफ्रीका में कमर्शियल और औद्योगिक ग्राहकों के लिए सौर प्रणालियों का मैनेजमेंट, फाइनेंसिंग और कंस्ट्रक्शन करता है।

कंपनी के पास वर्तमान में 200 मेगावाट से अधिक का कॉन्ट्रैक्ट पोर्टफोलियो है। इसका परिचालन मॉडल विश्वसनीय और किफायती स्वच्छ बिजली आपूर्ति के लिए डिजाइन किया गया है, साथ ही तकनीकी और प्रदर्शन संबंधी जोखिमों की जिम्मेदारी भी लेता है।

कंपनी के अनुसार उसकी परियोजनाओं का उद्देश्य दोनों देशों में स्वच्छ सौर ऊर्जा तक पहुंच का विस्तार करना और साथ ही ग्राहकों की परिचालन लागत कम करने में मदद करना है। प्रदर्शन-आधारित संरचना कंपनी के रेवेन्यू को प्रत्येक स्थापना के वास्तविक ऊर्जा उत्पादन से जोड़ती है, जिससे दीर्घकालिक जवाबदेही का एक ढांचा तैयार होता है।

कैंडी सोलर ने बताया कि नई ऋण सुविधा आगामी परियोजनाओं के लिए लगभग 200 मेगावाट पावर की सहायता प्रदान करेगी। इन परियोजनाओं से उत्सर्जन में कमी, बिजली की अस्थिरता से जूझ रहे व्यवसायों के लिए बेहतर लचीलापन, मजबूत स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाएं और बेहतर सामर्थ्य में योगदान मिलने की उम्मीद है।

कैंडी सोलर ने बताया कि पिछले 18 महीनों में उसका पोर्टफोलियो 220 मेगावाट पावर से ज्यादा हो गया है। यह वृद्धि भारत में 85 मेगावाट पावर की ओपन एक्सेस परियोजनाओं और भारत में प्रिकोल, दक्षिण अफ्रीका में न्ग्वेन्या लॉज और किंग्स पार्क स्टेडियम मुख्यालय में सोलर प्लांट जैसी प्रमुख परियोजनाओं के कारण संभव हुई है। कंपनी आईएफएफ, टोयोटा, पिक एन पे और सूर्यलक्ष्मी कॉटन मिल्स को भी बिजली की आपूर्ति करती है। वहीं वर्तमान में कैंडी सोलर का मुकाबला क्लीनमैक्स, एमप्लस सोलर, फोर्थ पार्टनर एनर्जी और टाटा पावर सोलर से है।

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