जम्मू-कश्मीर के उद्योग और कमर्शियल विभाग ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया है, जिससे राज्य के छोटे और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को पूंजी बाजार से जुड़ने में मदद मिलेगी। यह समझौता जम्मू स्थित सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला की मौजूदगी में साइन किया गया।
इस साझेदारी के तहत एनएसई (NSE) प्रदेश भर में वर्कशॉप, ट्रेनिंग प्रोग्राम और जागरूकता सत्र आयोजित करेगा, जिनमें कंपनियों को लिस्टिंग प्रक्रिया और ज़रूरी नियमों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उद्योग विभाग अपनी जिला और क्षेत्रीय इकाइयों के माध्यम से इच्छुक एमएसएमई की पहचान कर उन्हें इन कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मार्गदर्शन करेगा।
मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने इसे स्थानीय कारोबारियों के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह सहयोग जम्मू-कश्मीर के एमएसएमई (MSME) को एनएसई (NSE) और NSE Emerge प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग के अवसर देगा। इससे उद्यमिता बढ़ेगी, निवेश आएगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।” उन्होंने यह जानकारी X पर साझा की।
प्रदेश के एमएसएमई लंबे समय से लंबी अवधि की पूंजी जुटाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। हैंडीक्राफ्ट, मैन्युफैक्चरिंग, फूड प्रोसेसिंग और सर्विस सेक्टर की कई कंपनियां अब भी अनौपचारिक या छोटी अवधि वाले फंडिंग पर निर्भर हैं, जिससे उनके विस्तार में दिक्कत आती है। यह समझौता उन्हें NSE के प्लेटफॉर्म खासतौर पर MSME के लिए बने NSE Emerge पर लिस्टिंग की ओर एक स्पष्ट रास्ता देगा।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि यह पहल प्रदेश में कारोबारी माहौल को औपचारिक बनाने और नए निवेश को आकर्षित करने की सरकारी कोशिशों का हिस्सा है। हाल की औद्योगिक नीतियां भी इसी दिशा में बनाई गई हैं।
समझौते के मौके पर कई वरिष्ठ अधिकारी और NSE प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें उप मुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त सचिव विक्रमजीत सिंह, JKEDI के अधिकारी और NSE के डेलीगेट शामिल थे।