Nia.one ने गिग और ब्लू-कॉलर वर्कफोर्स के लिए एलेवर इक्विटी से 2.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सीड फंडिंग जुटाई है। यह फंडिंग Nia.one के Nia.one नेटवर्क के विस्तार में मदद करेगी, जो एक ही इकोसिस्टम में कर्मचारियों के लिए नौकरियों, आवास और आवश्यक सेवाओं को भी एक-साथ लाएगी।
इस फंडिंग को लेकर प्लेटफॉर्म का लक्ष्य है कि इसके उपयोग से एनसीआर, बेंगलुरु और पुणे के प्रमुख रोजगार क्षेत्रों में अपने नियाडेल केंद्रों का विस्तार किया जाए। प्रत्येक केंद्र लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग, ई-कॉमर्स और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में प्रमुख कार्यस्थलों के एक किलोमीटर के दायरे में स्थापित किया जाएगा।
यह फंडिंग कंपनी के स्वामित्व वाली ताकिनकी स्टैक राफिकी को भी मजबूत करने में मदद करेगी, जो डेटा और आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करके श्रमिकों को उचित रोजगार के अवसरों से जोड़ती है, उन्हें बनाए रखने में सहायता करती है और आवास, भोजन और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है।
Nia.one के, को-फाउंडर और सीओओ पुष्कर राज ने कहा "हर नियाडेल केंद्र इस तरह डिजाइन किया गया है कि कर्मचारी पैदल काम पर जा सकें, सुरक्षित और किफायती बिस्तर पर लेट सकें, साथ ही गर्म भोजन प्राप्त कर सकें और बिना कर्ज लिए अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। इसके लिए कंपनी का नियाडेल मॉडल चार घटकों को एकीकृत करता है, जिसमें कंफर्म नौकरियों के लिए फ्लो, आवश्यक सेवाओं के लिए स्टूडियो, समुदाय और सीखने के लिए ट्राइब और डेटा-आधारित सहायता के लिए राफिकी शामिल है। इस संरचना का उद्देश्य कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि, एंप्लॉयर्स के लिए लागत कम करना और गिग और ब्लू-कॉलर समुदायों के लिए एक स्थायी नेटवर्क बनाना है।“
इसी संदर्भ में कंपनी के फाउंडर और सीईओ सचिन छाबड़ा ने कहा "प्रवासी श्रमिकों के लिए बुनियादी ढांचे को बहुत लंबे समय से सेकेंडरी समझा जाता रहा है, लेकिन हमने साबित कर दिया है कि हमारा मॉडल 80% रिटेंशन प्रदान करता है। अब हमारा ध्यान शहर-दर-शहर विस्तार करने और यह दिखाने पर है कि निडेल्स का एक मजबूत नेटवर्क श्रमिकों के लिए बेहतर जीवन और एंटरप्राइजेज के लिए बेहतर परिणाम ला सकता है।"
2024 में छाबड़ा और पुष्कर राज द्वारा स्थापित की गई कंपनी Nia.one का दावा है कि यह वर्तमान में 50 से अधिक शहरों में 3,000 से अधिक गिग श्रमिकों को सेवा प्रदान करती है और आने वाली तिमाहियों में अपने नेटवर्क को 8,000 से अधिक तक बढ़ाने की योजना बना रही है।