राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय फुटवियर उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भूमिका को और मजबूत करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए व्यवसायिक प्रयासों का विस्तार आवश्यक है। यह टिप्पणी उन्होंने फुटवियर डिजाइन और डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (FDDI) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए की।
राष्ट्रपति ने बताया कि भारत पहले से ही एक प्रमुख फुटवियर निर्यातक है, और 2024-25 में इसका निर्यात 2.5 अरब डॉलर से अधिक रहा, जो आयात के 680 मिलियन डॉलर से चार गुना अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि खेल और नॉन-लेदर सेगमेंट में तेजी से बढ़ रही संभावनाओं के कारण उद्योग में और विकास की संभावनाएँ मौजूद हैं।
उन्होंने उद्योग के वैश्विक नेतृत्व की दिशा में भारत के उभरने की संभावना पर आशावाद व्यक्त किया और कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय निवेश आकर्षित करने और उद्योग विकास को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने समारोह में कहा कि विकसित देशों के साथ भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) घरेलू व्यवसायों के लिए नए अवसर उत्पन्न करेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय ब्रांड जैसे प्राडा ने भारत के GI-टैग वाले कोल्हापुरी चप्पलों को अपनाया, जिससे पारंपरिक भारतीय फुटवियर को वैश्विक बाजार में पहुँचाने में मदद मिली।
गोयल ने दीक्षांत प्राप्त छात्रों से आग्रह किया कि वे नए बाजारों की खोज, इनोवेशन और हाई क्वालिटी मानकों को बनाए रखने पर ध्यान दें, जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हो सके।