SBI और मौजूदा निवेशकों का Ripplr में बड़ा निवेश

SBI और मौजूदा निवेशकों का Ripplr में बड़ा निवेश

SBI और मौजूदा निवेशकों का Ripplr में बड़ा निवेश
रिपलर (Ripplr) ने अपनी सीरीज़ C फंडिंग में SBI और मौजूदा निवेशकों से 45 मिलियन डॉलर ( लगभग 402 करोड़ रुपये) जुटाकर विस्तार की तैयारी तेज़ कर दी है।

 

बेंगलुरु स्थित टेक-आधारित डिस्ट्रीब्यूशन और सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म Ripplr ने अपनी सीरीज़ C फंडिंग राउंड में 45 मिलियन डॉलर(लगभग 402 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस निवेश का नेतृत्व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने किया, जबकि मौजूदा निवेशकों ने भी इसमें भाग लिया। रिपलर (Ripplr) के पहले के निवेशकों में 3one4 कैपिटल (3one4 Capital), ज़ेफिर पीकॉक (Zephyr Peacock) और सोजिट्ज़ कॉर्पोरेशन (Sojitz Corporation) शामिल हैं।

कंपनी ने अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन 3one4 Capital के ब्लॉगपोस्ट में यह जानकारी साझा की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस राउंड में से करीब 30–32 मिलियन डॉलर प्राइमरी कैपिटल और करीब 10 मिलियन डॉलर सेकेंडरी हिस्सा होगा। इससे पहले रिपलर (Ripplr) ने इक्विटी और डेट मिलाकर 56 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए थे।

रिपलर (Ripplr) की स्थापना 2019 में अभिषेक नेहरू और संतोष डबके ने की थी। यह प्लेटफॉर्म उपभोक्ता ब्रांड्स को उनकी सप्लाई चेन को डिजिटल और आसान बनाने में मदद करता है। कंपनी लॉजिस्टिक्स, इन्वेंटरी मैनेजमेंट, ग्राउंड ऑपरेशंस और रिटेलर नेटवर्क—all को एक जगह जोड़ती है।

कंपनी के अनुसार, रिपलर (Ripplr) अभी 1 लाख से ज्यादा रिटेलर्स तक पहुंच बनाता है और हर महीने लाखों ऑर्डर प्रोसेस करता है।

रिपलर (Ripplr) EBITDA पॉजिटिविटी की ओर बढ़ रहा है और अगले 18–24 महीनों में IPO लाने की तैयारी कर रहा है। कंपनी नए कैटेगरी में विस्तार करने और मुनाफे पर ज्यादा ध्यान देने की योजना बना रही है।

FY24 के वित्तीय नतीजे:

  • कंपनी की आय 1,032.43 करोड़ रुपये, जो वित्तीय वर्ष 23 (FY23) के 742.44 करोड़ रुपये से 39% ज्यादा है।
  • हालांकि, कंपनी का नेट लॉस बढ़कर 89.15 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल 62.09 करोड़ रुपये था।
  • प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूशन से आय 43% बढ़कर 938.54 करोड़ रुपये हुई।
  • सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स से आय 6% बढ़ी।
  • कुल खर्च वित्तीय वर्ष 24 (FY24)  में बढ़कर 1,121.58 करोड़ रुपये हो गया, जिसका मुख्य कारण खरीद लागत, कर्मचारियों की सैलरी और फाइनेंस खर्च रहा।
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