भारत के दूरसंचार मंत्रालय ने एक नया निर्देश जारी किया है जिसके तहत देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन में सरकार का साइबर सुरक्षा ऐप संचार साथी शामिल करना अनिवार्य कर दिया गया है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आदेश के तहत प्रत्येक नए डिवाइस पर ऐप अनिवार्य कर दिया गया है और उपयोगकर्ताओं के पास इसे हटाने का विकल्प नहीं होगा।
28 नवंबर को जारी इस निर्देश में ऐप्पल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और श्याओमी जैसी प्रमुख स्मार्टफोन निर्माताओं को 90 दिनों के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। कंपनियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे पहले से ही प्रचलन में मौजूद उपकरणों तक ऐप को ओवर-द-एयर अपडेट के जरिए पहुंचाएं।
संचार साथी को जनवरी 2025 में उपयोगकर्ताओं की मोबाइल सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। यह प्लेटफॉर्म लोगों को खोए और चोरी हुए फोनों को ट्रैक, ब्लॉक या रिकवर करने की सुविधा देता है। यह धोखाधड़ी वाले कनेक्शनों का पता लगाने और मोबाइल नेटवर्क के दुरुपयोग को कम करने के लिए IMEI नंबरों के एक केंद्रीय डेटाबेस पर निर्भर करता है।
रिपोर्ट में दिए गए आंकड़े बताते हैं कि इस सिस्टम ने सात लाख से ज्यादा खोए हुए उपकरणों को रिकवर करने में मदद की है और लगभग तीन करोड़ संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों की पहचान करके उन्हें निष्क्रिय करने में अधिकारियों की मदद की है।
इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि इस अनिवार्य रोलआउट का उद्देश्य देश भर में बढ़ते साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना है। रिपोर्ट में दर्ज कुछ विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इस कदम से उपयोगकर्ता के विकल्प सीमित हो जाएंगे और उपभोक्ता उपकरणों पर अधिक नियंत्रण को लेकर चिंताएं पैदा हो सकती हैं।
साथ ही रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ऐप्पल ने पहले भी सरकारी ऐप्स इंस्टॉल करने से इनकार किया है, जिससे समय सीमा नजदीक आने पर नियामकों के साथ तनाव पैदा हो सकता है।