शर्मा ने रेस्तरां के बारे में बताते हुए कहा कि “सुमा रेस्तरां एक ऐसी खास जगह है, जहां व्यंजन करवा कर साथ यात्रा करते हैं, कहानियां सीमाओं को पार करती हैं और संगीत प्राचीन बाजारों और किलों को भर देता है। सुमा उन यात्राओं के लिए मेरा प्रेम पत्र है जिन्होंने हमारी खाद्य संस्कृति को आकार दिया। ग्रैंड ट्रंक रोड से लेकर अरब की रेत तक, मैं एक ऐसी जगह बनाना चाहता था जहां स्वाद, कहानियां, संगीत और यादें सहजता से एक साथ आएं। साथ ही सुमा का हर व्यंजन, हर ड्रिंक, हर कोना मेहमानों को कुछ खास एहसास दिलाने के लिए डिजाइन किया गया है। सुमा सिर्फ खाने की जगह नहीं है, बल्कि अनुभव करने की जगह है।"
सुमा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां खाना ही कहानी कहता है, मेन्यू में उत्तर भारतीय कला के गहरे, सांसारिक आराम और अरबी व्यंजनों की गर्म, सुगंधित मसालेदार स्वादों और आनंददायक अनुभव का मिश्रण है।
लखनऊ से अफगानिस्तान तक के शाश्वत मार्ग से प्रेरित, सुमा इन परंपराओं को स्वाभाविक रूप से एक साथ लाता है। मेहमानों को ऐसे व्यंजन मिलेंगे जिनमें शावरमा सीख कबाब के साथ, हम्मस स्मोकी बैंगन के साथ और जातर, केसर, मेवे और कोयले पर भुने हुए मैरिनेड हर प्लेट को एक अलग रूप देते हैं।
सुमा के ग्रुप एक्जीक्यूटिव शेफ, शेफ राहुल ने कहा "सुमा ने हमें एक ऐसी पाक यात्रा का अनुभव कराया जो स्वाद, तकनीक और स्मृतियों के जरिए भारत और अरब को जोड़ती है। मेनू धीमी आंच पर पकाई जाने वाली परंपराओं, कोयले में भुने व्यंजनों की गहराई और सामग्री-आधारित कहानी कहने पर आधारित है।"
सुमा का बार प्रोग्राम अपनी विशिष्ट कॉकटेल बुक ‘मधुशाला’ के साथ एक सांस्कृतिक परत जोड़ता है, जो भारतीय काव्य परंपरा को समर्पित है। पेय पदार्थ सामग्री-आधारित दर्शन पर आधारित हैं, जिनमें नवरस, शाही बैरल, नवाबी रात, जश्न-ए-कहवा, थोड़ा ज्यादा और खट्टा-मीठा सफर जैसी रचनाएं शामिल हैं।
आंतरिक सज्जा सुमा के दर्शन को जीवंत करती है। डिजाइन अल्मा द्वारा डिजाइन किया गया यह स्थान विक्टोरियन डिजाइन और इंडियन कल्चर के साथ मिश्रित करता है। एक आर्क-फ्रेम वाला बार डाइनिंग रूम का मुख्य आकर्षण है, जबकि मैरून और जैतून के रंग, बनावट वाली सतहें, हल्की रोशनी और लचीली बैठने की व्यवस्था इस जगह को
बेहद ही खूबसूरत बनाते हैं और डिनर के साथ-साथ बड़े पारिवारिक समारोहों के लिए भी आइडियल बनाती हैं।
डिजाइन अल्मा की अंकिता शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा "सुमा के साथ हमारा उद्देश्य एक ऐसा स्थान बनाना था जो एनर्जी, पीस और टेस्टी फूड के साथ लोगों को आनंद देने वाला हो। हमने मेहराबों, मैरून रंगों, पीतल के लहजे और तरह-तरह की लाइटों का उपयोग करके एक ऐसा स्थान बनाया जो एक यात्रा की तरह प्रवाहित हो। सुमा को एक ही समय में ऑल्ड और मॉर्डन दोनों प्रकार का अनुभव महसूस कराने के लिए डिजाइन किया गया है।"
सांस्कृतिक अनुभव को और भी बेहतर बनाने के लिए सुमा में कव्वाली और सूफी नाइट्स का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारत भर के लोक कलाकार शामिल होते हैं। हर शाम सुमा एक जीवंत महफिल में बदल जाती है, जहां हारमोनियम, तालियां और भावपूर्ण स्वर कमरे को भावनाओं से भर देते हैं। ये नाइट्स खाने के अनुभव को और भी गहरा और शानदार बनाती हैं, जिससे मेहमान एक साथ भोजन, संगीत और कहानी सुनाने का आनंद ले पाते हैं।