भारत के क्विक-कॉमर्स सेक्टर में नंबर–2 की जगह के लिए मुकाबला और तेज हो गया है। स्विगी (Swiggy) और ज़ेप्टो (Zepto) जल्द ही बड़ी फंडिंग जुटाने की तैयारी में हैं, और दोनों मिलकर लगभग ₹15,000 करोड़ तक जुटा सकते हैं। फिलहाल, मार्केट में ब्लिंकिट (Blinkit) 50% से ज्यादा हिस्सेदारी के साथ नंबर–1 पर बना हुआ है। सितंबर 30 तक ब्लिंकिट के पास 18,314 करोड़ रुपये नकद थे, जबकि स्विगी के पास 4,605 करोड़ रुपये और ज़ेप्टो के पास करीब 7,000 करोड़ रुपये की रकम मौजूद है।
स्विगी करीब 10,000 करोड़ रुपये की QIP लाने की तैयारी कर रहा है, और Rapido में अपनी हिस्सेदारी बेचकर कुल नकद स्थिति लगभग ₹17,000 करोड़ तक पहुँच सकती है। दूसरी तरफ, Zepto लगभग ₹4,000 करोड़ जुटाने के लिए एक कॉन्फिडेंशियल फाइलिंग की तैयारी कर रहा है।
पिछले कुछ महीनों में ज़ेप्टो की आक्रामक फ्री डिलीवरी और डिस्काउंट रणनीति ने उसके ऑर्डर तेजी से बढ़ाए हैं और उसे Swiggy Instamart पर बढ़त दिलाई है। हालांकि Swiggy ने इस दावे को खारिज किया है कि Instamart का मार्केट शेयर घटा है।
तेज़ होती इस प्रतिस्पर्धा का असर कैश बर्न पर भी दिख रहा है। Q3 में स्विगी का बर्न बढ़कर ₹740 करोड़ पहुंच गया, Eternal का 543 करोड़ रुपये रहा, जबकि Zepto का मासिक बर्न भी अब ₹500 करोड़ से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि उसका ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू करीब ₹2,000 करोड़ है।