इंडियन-मेड फॉरेन लिकर (IMFL) निर्माता तिलकनगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (TI) ने पर्नोद रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (PRI) से इम्पीरियल ब्लू (IB) बिज़नेस डिवीजन का अधिग्रहण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह अधिग्रहण 3,442 करोड़ रुपये के स्लंप सेल समझौते के तहत किया गया है। यह राशि बिज़नेस ट्रांसफ़र एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार पोस्ट-क्लोज़िंग एडजस्टमेंट्स के अधीन रहेगी। इसके अलावा, TI चार साल बाद €28 मिलियन की डिफर्ड पेमेंट भी करेगा।
यह अधिग्रहण इंटरनल कैश, नए इक्विटी निवेश और बाहरी ऋण के मिश्रण से फंड किया गया। कंपनी ने प्रेफेरेंशियल इश्यू के ज़रिए प्रमुख निवेशकों और प्रमोटर समूह से 2,093 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि 2,100 करोड़ रुपये का टर्म लोन भी सुरक्षित किया गया।
TI के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अमित दहनुकर ने कहा,“इम्पीरियल ब्लू का अधिग्रहण हमारे कारोबार को नई ऊंचाई देता है और हमें पूरे भारत में सभी IMFL कैटेगरी में मजबूत उपस्थिति बनाने में मदद करेगा। यह हमारे प्रीमियम सेगमेंट में विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है।” इस लेन-देन को प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 7 अक्टूबर 2025 को मंजूरी दी थी।
इम्पीरियल ब्लू भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्हिस्की ब्रांड है जिसने मार्च 2025 तक 22.4 मिलियन नौ-लीटर केस बेचे और पिछले 12 महीनों में 3,067 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया।
इस अधिग्रहण से TI को इम्पीरियल ब्लू, इम्पीरियल ब्लैक, और इम्पीरियल रेड जैसे ग्लोबल ट्रेडमार्क मिलेंगे। साथ ही, कंपनी को एक तय ट्रांज़िशन अवधि के लिए “Seagram’s” ट्रेडमार्क इस्तेमाल करने की अनुमति भी मिलेगी। TI ने Chivas Brothers के साथ लंबे समय के लिए Concentrated Alcoholic Beverage (CAB) सप्लाई एग्रीमेंट भी किया है, जो IB उत्पादों के उत्पादन के लिए ज़रूरी कच्चा माल है।
स्मूद ट्रांज़िशन के लिए TI ने PRI के साथ ट्रांज़िशनल सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग एग्रीमेंट (TSMA) किया है। लेन-देन में पंजाब और महाराष्ट्र की दो स्वामित्व वाली यूनिट्स, तेलंगाना और पंजाब की दो सब-लीज्ड यूनिट्स और TSMA अवधि में कुछ साझा यूनिट्स का उपयोग शामिल है। इसके अलावा PRI के 116 कर्मचारी TI में शामिल होंगे।
यह अधिग्रहण TI की लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक वृद्धि, शेयरहोल्डर्स के लिए वैल्यू निर्माण और मार्केट में मजबूत उपस्थिति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस लेन-देन में डॉयचे बैंक और अवेंदुस कैपिटल वित्तीय सलाहकार रहे, जबकि क्रॉफर्ड बेली एंड कंपनी और W.S. Kane & Co. ने कानूनी सलाह दी। Deloitte और Ernst & Young ने वित्त, टैक्स और इंटेग्रेशन प्लानिंग में सहयोग किया।
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