अमेरिका ने दक्षिण कोरिया से आयात होने वाले सामान, खासकर ऑटोमोबाइल्स पर लगने वाला सामान्य टैरिफ घटाकर 15% कर दिया है। यह दर 1 नवंबर से प्रभावी मानी जाएगी। यह घोषणा अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटकनिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की।
लटकनिक(Lutnick) ने बताया कि दक्षिण कोरिया ने अपनी संसद में रणनीतिक-निवेश कानून को लागू कर दिया है, जो अमेरिका और कोरिया के बीच हुए व्यापार समझौते का हिस्सा है। इसके बाद अमेरिका ने ऑटो समेत कई उत्पादों पर टैरिफ कम करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह कदम दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी और अमेरिकी उद्योगों व नौकरियों को मजबूती देगा।
यह टैरिफ कटौती दोनों देशों के बीच पिछले महीने हुए व्यापार सहयोग समझौते का हिस्सा है, जिसमें आयात शुल्क में बदलाव के प्रावधान शामिल थे।
हुंडई मोटर ग्रुप ने अगस्त 2025 में अमेरिका में 26 अरब डॉलर के बड़े निवेश का ऐलान किया था, जो 2025 से 2028 के बीच किया जाएगा। इससे कंपनी का अमेरिकी बाजार में विस्तार और नई तकनीकों, रोबोटिक्स तथा इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश बढ़ेगा।
वर्ष 2024 में दक्षिण कोरिया ने कुल 68.4 अरब डॉलर की कारें निर्यात कीं, जिसमें से लगभग 49% (34.7 अरब डॉलर) का निर्यात अमेरिका के लिए था। अमेरिका, कनाडा और किरगिजस्तान दक्षिण कोरिया के कार निर्यात के सबसे तेजी से बढ़ते बाजार रहे।
S&P Global की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका–दक्षिण कोरिया व्यापार समझौता खास तौर पर ऑटो उद्योग पर बड़ा असर डालता है। सेक्शन 232 के तहत ऑटो और ऑटो पार्ट्स पर लगने वाला 25% शुल्क घटाकर 15% कर दिया गया है। हालांकि यह दर अभी भी उन मुक्त व्यापार शर्तों से अधिक है जो ट्रंप प्रशासन से पहले लागू थीं।
इस कदम से General Motors, Hyundai, Kia और Polestar जैसी कंपनियों को राहत मिलेगी क्योंकि इससे उनकी लागत कम होगी, कीमतें प्रतिस्पर्धी बनेंगी और अमेरिकी बाजार में उनकी पकड़ मजबूत होगी। अमेरिका ने एयरप्लेन पार्ट्स पर भी टैरिफ हटाने की घोषणा की है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, कम टैरिफ से दक्षिण कोरियाई ऑटो कंपनियों की लागत घटेगी और उनकी अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति और मजबूत होगी।