चेन्नई स्थित मानवरहित प्रणालियों के लिए साइबरसिक्योर ऑटोपायलट के डेवलपर ज़ुप्पा ने जर्मनी के एक डीप टेक स्टार्टअप, आठवीं डाइमेंशन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो ऑटोनोमस प्लेटफार्मों के लिए एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अपने काम के लिए जाना जाता है।
दोनों कंपनियों के अनुसार यह सहयोग ऐसे एल्गोरिदम बनाने पर केंद्रित होगा जो ड्रोन समूहों को समन्वय करने, अपने परिवेश से सीखने और वास्तविक समय में वस्तुओं की पहचान करने में सक्षम बनाएं। इन क्षमताओं को ज़ुप्पा के मौजूदा मानवरहित हवाई वाहनों में एकीकृत किया जाएगा, जिससे कंपनी के ऑटोनोमस ड्रोन पर काम को बल मिलेगा जो चुनौतीपूर्ण वातावरण में भी काम कर सकते हैं।
ज़ुप्पा के फाउंडर और टेक्निकल डायरेक्टर वेंकटेश साई ने कहा "इस डायमेंशन के साथ जुड़कर हम ऑटोनोमस हवाई इंटेलिजेंस के भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। वहीं साथ मिलकर हमारा लक्ष्य रक्षा और औद्योगिक अनुप्रयोगों में समन्वय और स्थितिपरक जागरूकता की उपलब्धियों को पुनर्परिभाषित करना है।"
फाउंडर डॉ. गगनप्रीत सिंह के नेतृत्व में आठवां डायमेंशन ऐसे ढांचे विकसित करता है जो ड्रोन और रोबोटिक इकाइयों को सामूहिक रूप से समझने और कार्य करने में सक्षम बनाते हैं।
डॉ. सिंह ने कहा "यूएवी डिजाइन और नियुक्ति में ज़ुप्पा का अच्छा अनुभव है, जो वास्तविक दुनिया की प्रणालियों में AI एनेबल्ड ऑटोनोमी लाने के हमारे मिशन के साथ पूरी तरह मेल खाता है। यह साझेदारी यूरोपीय AI नवाचार को भारतीय इंजीनियरिंग क्षमता के साथ जोड़ती है, जिससे स्केलेबल इंटेलिजेंट एरियल सिस्टम्स की नई संभावनाओं का द्वार खुलता है।"
भारत और जर्मनी की रिसर्च टीमें मॉडल विकास, ऑनबोर्ड एकीकरण और फील्ड परीक्षणों पर मिलकर काम करेंगी। नई स्वॉर्मिंग विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाले शुरुआती प्रोटोटाइप 2025 में तैयार होने की उम्मीद है।