
अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में किए गए जीएसटी सुधारों से राज्य की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। प्रमुख कृषि, बागवानी, प्रसंस्करण और शिल्प उत्पादों पर जीएसटी दरें 12-18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। इसके परिणामस्वरूप उत्पादों की कीमतों में 6 से 11 प्रतिशत तक की कमी आई है, जिससे किसानों, शिल्पकारों और एमएसएमई उद्यमियों को सीधा लाभ हो रहा है।
अरुणाचल प्रदेश की 70% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। कर दरों में कमी से राज्य के प्रमुख उत्पाद जैसे संतरा, कीवी, बड़ी इलायची, आदि केकिर अदरक, और याक चुरपी (पनीर) अब अधिक किफायती और प्रतिस्पर्धी हो गए हैं। इससे न केवल घरेलू मांग बढ़ेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इन उत्पादों की पहुँच विस्तृत होगी।
कृषि एवं बागवानी क्षेत्र को सीधा लाभ
अरुणाचल प्रदेश के जीआई-टैग वाले संतरे, कीवी और अदरक जैसे उत्पाद अब 6-7% तक सस्ते हो गए हैं। उदाहरण के लिए, जूस और जैम पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% करने से उपभोक्ताओं को 100 रुपये के उत्पाद पर लगभग 7 रुपये की बचत होगी। इससे प्रसंस्करण उद्योगों को राहत मिलेगी, फसल-उपरांत नुकसान घटेगा और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
हस्तशिल्प और वस्त्र उद्योग में बढ़ी प्रतिस्पर्धा
राज्य के पारंपरिक उत्पाद जैसे इडु मिश्मी वस्त्र, मोनपा कालीन, बाँस-बेंत का फर्नीचर और लकड़ी की नक्काशी पर जीएसटी घटाने से उत्पाद सस्ते हो गए हैं। उदाहरण के तौर पर, 20,000 रुपये के कालीन पर 1,400 रुपये की टैक्स बचत हुई है, जबकि 10,000 रुपये के बाँस फर्नीचर पर करीब 625 रुपये कम देने होंगे। इससे स्थानीय कारीगरों की आय में वृद्धि और पारंपरिक कला को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग को बल
अरुणाचल के एमएसएमई क्षेत्र में बिस्कुट, अचार और स्नैक्स जैसी वस्तुओं पर कर में कमी से यह क्षेत्र भी मजबूत हुआ है। अब बिस्कुट करीब 11% और अचार लगभग 7% सस्ते हो गए हैं। राज्य में 600 से अधिक पंजीकृत एमएसएमई इकाइयाँ हैं, जिनमें हजारों लोग कार्यरत हैं, और यह सुधार उनके लिए बड़ी राहत साबित होगा।
वन और लकड़ी उद्योग को भी फायदा
राज्य के वन-आधारित उद्योगों को भी जीएसटी राहत मिली है। प्लाईवुड और विनियर पर कर घटाकर 12% से 5% किया गया है, जिससे 1 लाख रुपये के माल पर करीब 7,000 रुपये की टैक्स बचत हो रही है।
आर्थिक वृद्धि और रोजगार को नई दिशा
इन सुधारों से न केवल उत्पादक लाभान्वित होंगे बल्कि राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था में गति आएगी। कम लागत और बढ़ी प्रतिस्पर्धा से घरेलू और निर्यात बाजारों में अरुणाचल के उत्पादों की मांग बढ़ेगी। जीएसटी में यह कटौती राज्य के किसानों, शिल्पकारों और छोटे उद्योगों के लिए एक नई आर्थिक शक्ति बनकर उभरी है।