
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने 40 इलेक्ट्रिक बल्कर ट्रकों का संचालन शुरू किया, जो कंपनी के ससटेनेबल लॉजिस्टिक्स कैंपेन में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये वाहन Enviiiro Wheels Mobility Pvt. Ltd. के साथ आठ वर्षीय कॉन्ट्रैक्ट के तहत तैनात किया गया हैं।
इन इलेक्ट्रिक बल्करों का उपयोग कंपनी के ज़िंक स्मेल्टर, उदयपुर से जुड़े ज़िंक-सीसा स्मेल्टर, चित्तौड़गढ़ तक कैल्सिन (जिंक भट्टी प्रक्रिया का एक उपोत्पाद) ले जाने के लिए किया जाएगा। वर्तमान में 10 वाहन पहले ही तैनात किए जा चुके हैं, जबकि शेष वाहनों को आने वाले महीनों में रोल आउट किया जाएगा।
यह पहल हिंदुस्तान जिंक की 2050 तक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में व्यापक स्थिरता रणनीति का हिस्सा है। दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत जिंक उत्पादक और शीर्ष पांच वैश्विक चांदी उत्पादकों में शामिल कंपनी ने कहा कि यह इलेक्ट्रिक फ्लीट लॉजिस्टिक्स से जुड़े कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी और संचालन में सुरक्षा और दक्षता बढ़ाएगी।
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “यह पहल हमारे लॉजिस्टिक्स संचालन में स्थिरता को जोड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ये इलेक्ट्रिक मोबिलिटी समाधान न केवल हमारे कार्बन पहुंच को कम कर रही हैं, बल्कि संचालन दक्षता, कर्मचारियों की सुरक्षा और दीर्घकालिक मूल्य भी बढ़ा रही हैं।”
कंपनी ने Enviiiro Wheels Mobility के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए, जिसके तहत उदयपुर स्मेल्टर सुविधा में कर्मचारियों के परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसें तैनात की जाएंगी। डीज़ल बसों की जगह इन इलेक्ट्रिक बसों के आने से उत्सर्जन और कम होगा और कर्मचारियों को स्वच्छ परिवहन मिलेगा।
हिंदुस्तान जिंक पहले से ही एलएनजी और बैटरी चालित ट्रकों का उपयोग कर रही है। कंपनी ने अन्य कार्बन कमी उपायों के तहत 530 मेगावाट का नवीकरणीय ऊर्जा समझौता किया है और टरबाइन अपग्रेड, वैरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव जैसी ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं में निवेश किया है।
हिंदुस्तान जिंक 2025 में भारत की पहली कंपनी बनी जिसने इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग & मेटल्स में सदस्यता ली और 1.5°C वैश्विक तापमान सीमा के अनुरूप वैध साइंस बेस्ड टार्गेट्स स्थापित किए। कंपनी लगातार दूसरे वर्ष एस एंड पी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक में शीर्ष 1 प्रतिशत में शामिल रही।