SpeakX.ai ने जुटाए 140 करोड़ रुपए, क्षेत्रीय भाषाओं को देगी मदद

SpeakX.ai ने जुटाए 140 करोड़ रुपए, क्षेत्रीय भाषाओं को देगी मदद

SpeakX.ai ने जुटाए 140 करोड़ रुपए, क्षेत्रीय भाषाओं को देगी मदद
भारत के सबसे बड़े AI ट्यूटर प्लेटफॉर्म SpeakX.ai ने अपनी तकनीक को बढ़ाने व क्षेत्रीय भाषाओं के वस्तार के लिए 140 करोड़ की प्री-सीरीज बी फंडिंग हासिल की।

SpeakX.ai ने क्षेत्रीय भाषाओं को सिखाने और अपनी AI टेक्नोलॉजी को और एडवांस बनाने के लिए करीब 140 करोड़ रुपये की प्री-सीरीज बी फंडिंग (Pre-Series B Funding) हासिल की है। इसमें WestBridge Capital, Elevation Capital और Goodwater Capital जैसे बड़े निवेशकों ने निवेश किया है।

यह फंडिंग ऐसे समय में मिली है जब SpeakX.ai भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई लाभदायक एजुकेशनल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स में अपनी स्थिति मज़बूत कर रही है।

निवेशकों द्वारा दी गई इस फंडिंग से SpeakX.ai अब अपनी टेक्नोलॉजी को और एडवांस बनाने के साथ ही अधिक से अधिक भाषाओं में अपने नए प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेगी। इसके अलावा कंपनी टीम एक्सपेंशन, AI अपग्रेड और रीजनल यूजर्स के लिए कस्टम फीचर्स पर भी फंड खर्च करेगी।

SpeakX.ai ने भारत में अंग्रेजी को आसानी से AI ट्यूटर द्वारा सीखने-बोलने की दिशा में जो पहल की है वो अपने आप एक मिसाल कायम करती है, क्योंकि भारत में आज अंग्रेजी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि नौकरी, सम्मान, और आत्मविश्वास की पहचान बन चुकी है। यही जरूरत पहचानते हुए स्टार्टअप SpeakX.ai ने लोगों को आसान तरीकों के माध्यम से अंग्रेजी सिखाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ताकत का इस्तेमाल किया है।

आज SpeakX.ai के देशभर में 2 लाख से ज्यादा पेड यूजर हैं और यह AI इंग्लिश ट्यूटर की तरह काम करने के साथ सही ढंग से बातचीत करने की प्रैक्टिस कराता है, जैसे- इंटरव्यू, वर्कप्लेस डिस्कशन या डेली कन्वर्सेशन आदि। इसके मासिक शिक्षार्थियों की संख्या 10 लाख और इसका वार्षिक आवर्ती राजस्व (ARR) 75 लाख डॉलर है।

नए तकनीक का उपयोग करके SpeakX.ai ने, भारत की न सिर्फ एक बड़ी चुनौती का समाधान किया है, बल्कि उन लाखों लोगों की मदद की जो बुनियादी अंग्रेज़ी जानते हैं, लेकिन रोज़मर्रा की ज़िंदगी में फ्लो में नहीं बोल पाते थे।

छात्रों को मिलेंगी कई सुविधाएं

वेस्टब्रिज कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर संदीप सिंघल का कहना है कि “भाषा दक्षता और आर्थिक प्रगति का प्रमुख आधार है और SpeakX.ai का AI प्लेटफ़ॉर्म लाखों शिक्षार्थियों के लिए लर्निंग का साधन बना रहा है और उनकी सभी बाधाओं को दूर करने के नए रास्ते खोल रहा है। हमें उनके मिशन का समर्थन करने और पूरे भारत में उनके प्रभाव का विस्तार करने में खुशी हो रही है।"

वहीं SpeakX के संस्थापक अर्पित मित्तल का कहना है कि “आने वाले समय में भारत को किसी और एजुकेशनल टेक्नोलॉजी ऐप की आवश्यकता नहीं होगी है। हम SpeakX को अंग्रेजी बोलने और सीखने के लिए एक स्वदेशी भाषा कंपनी बना रहे हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि हमारे यूजर्स के लिए, अंग्रेजी केवल एक कौशल नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास, करियर और सम्मान है। इसलिए हमारा मिशन इस यात्रा में उनका विश्वसनीय साथी बनना है।“

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस युग में SpeakX.ai ने यह दिखा दिया है कि भारत के मिडिल क्लास को समझने वाला AI बिजनेस कितना बड़ा हो सकता है, यह सिर्फ इंग्लिश बोलने का टूल नहीं, बल्कि कैरियर ग्रोथ और सोशल मोबिलिटी का रास्ता खोल रहा है जो भारत में AI और भाषा सीखने का भविष्य अब पहले से कहीं ज्यादा उज्जवल दिख रहा है।

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