बढ़ती मांग और निजी निवेश से सुरक्षा सेवाओं में MSMEs को मिलेगा लाभ

बढ़ती मांग और निजी निवेश से सुरक्षा सेवाओं में MSMEs को मिलेगा लाभ

बढ़ती मांग और निजी निवेश से सुरक्षा सेवाओं में MSMEs को मिलेगा लाभ
भारत में सुरक्षा सेवा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें MSMEs की बड़ी भागीदारी है। शहरीकरण, बढ़ती मांग और नई तकनीकों से यह सेक्टर आगे बढ़ रहा है, लेकिन छोटे कारोबारियों को बढ़ती लागत से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

भारत में सुरक्षा सेवा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि देश में बड़ी कंपनियां और कारोबारी जगहें (जैसे मॉल, आईटी पार्क, टाउनशिप) सुरक्षा सेवाओं की ज्यादा मांग कर रही हैं। इस सेक्टर में इस साल 9-11% तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जो पिछले साल 10-12% थी।

इसका फायदा छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को भी मिलेगा, क्योंकि यह सेक्टर लगभग 40-45% तक इन कंपनियों पर निर्भर है। सरकार की नीतियां, शहरीकरण उद्योग को और आगे बढ़ा रही हैं। साथ ही, नई तकनीकों जैसे AI, बायोमेट्रिक्स और ड्रोन के उपयोग से सुरक्षा सेवाएं और आधुनिक हो रही हैं।

हालांकि, छोटे सुरक्षा सेवा प्रदाताओं को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी कमाई पर असर पड़ रहा है क्योंकि उनके पास बड़े प्रमुखों जितनी पूंजी और संसाधन नहीं हैं। बढ़ती मजदूरी और नए नियम-कानून से उनका मुनाफा कम हो रहा है, जिससे कई छोटे कारोबारी इस सेक्टर से बाहर हो रहे हैं।

इस समय निजी सुरक्षा कंपनियां मुख्य रूप से तीन सेवाएं दे रही हैं—मैन गार्डिंग (सुरक्षा गार्ड सेवा), नकदी प्रबंधन, और इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा। इसमें से सबसे ज्यादा 75-80% का बाजार मैन गार्डिंग का है, क्योंकि ज्यादातर जगहों पर सुरक्षा गार्डों की तैनाती की जरूरत होती है।

कुल मिलाकर, इस सेक्टर में आगे बढ़ने की बहुत संभावना है, लेकिन छोटे कारोबारियों को अपनी रणनीति बदलनी होगी ताकि वे तकनीक को अपनाकर और बेहतर सेवा देकर बड़े प्रमुखों के साथ मुकाबला कर सकें।

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