ईवी अपनाने की दौड़: राज्यों की नीतियां कितनी प्रभावशाली हैं?

ईवी अपनाने की दौड़: राज्यों की नीतियां कितनी प्रभावशाली हैं?

ईवी अपनाने की दौड़: राज्यों की नीतियां कितनी प्रभावशाली हैं?
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हर राज्य अपनी अलग EV नीति लेकर आ रहा है। इस लेख में जानिए किस राज्य की योजना क्या खास लाभ और सुविधाएं दे रही है।

भारत में प्रदूषण, पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता और शहरी ट्रैफिक जैसी समस्याएं एक बड़ी चुनौती हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) एक ऐसा समाधान बनकर उभरे हैं, जो न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत बनाते हैं। केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इस क्षेत्र में तेजी से सक्रिय हो रही हैं। हर राज्य अपने भौगोलिक, आर्थिक और औद्योगिक आधार को देखते हुए अलग-अलग नीतियां बना रहा है ताकि निवेश को आकर्षित किया जा सके और लोगों को ईवी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

1.दिल्ली: महिला सशक्तिकरण और क्लीन मोबिलिटी का मेल

देश की राजधानी दिल्ली ने "EV नीति 2.0" के माध्यम से एक नया संदेश दिया है — स्वच्छ पर्यावरण और सामाजिक समानता। नई नीति के अनुसार, 2025 से सभी थ्री व्हीलर और 2026 से टू व्हीलर वाहनों को इलेक्ट्रिक करना अनिवार्य किया जाएगा। खास बात यह है कि दिल्ली सरकार महिलाओं को इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर ₹36,000 तक की सब्सिडी दे रही है ताकि महिला सशक्तिकरण को भी बल मिल सके। सरकार का लक्ष्य हर 5 किलोमीटर की परिधि में चार्जिंग स्टेशन बनाना है जिससे EV अपनाने में सुविधा हो। इससे दिल्ली का ट्रैफिक प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण दोनों में कमी आने की उम्मीद है।

2. महाराष्ट्र: देश की अग्रणी EV नीति

महाराष्ट्र सरकार ने ईवी को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत और आकर्षक नीति बनाई है जिसे "महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2025" कहा जाता है। इस नीति के तहत उपभोक्ताओं को ईवी खरीद पर मोटर व्हीकल टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट मिलती है। साथ ही 10 से 15 प्रतिशत तक की सीधी सब्सिडी दी जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि हर 25 किलोमीटर में एक चार्जिंग स्टेशन हो, ताकि ईवी मालिकों को लंबी दूरी की यात्रा में भी कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, सरकार स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न कर रही है।

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया — राज्य के बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवा को मंजूरी देना। इससे न केवल लास्ट माइल कनेक्टिविटी बेहतर होगी बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के हजारों अवसर भी पैदा होंगे। सरकार का मानना है कि यह निर्णय 20,000 से अधिक नई नौकरियां उत्पन्न कर सकता है। महिला यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए विशेष प्रावधान, जैसे महिला चालकों को प्राथमिकता, भी नीति में जोड़े गए हैं। मानसून में सुरक्षित चलने वाली विशेष ई-बाइक्स लाने की योजना भी बनाई जा रही है।

3. गुजरात: मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अग्रणी राज्य

गुजरात राज्य ने खुद को EV मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के अनुसार, अब तक राज्य में 2.64 लाख से अधिक ईवी पंजीकृत किए जा चुके हैं। राज्य सरकार की "गुजरात ईवी नीति 2021" और "आत्मनिर्भर गुजरात योजना" के तहत ईवी कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। ये योजनाएं न केवल निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं, बल्कि गुजरात को एक ग्लोबल ईवी उत्पादन केंद्र के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं। इसके अलावा, सरकार चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना और R&D केंद्रों की स्थापना को भी बढ़ावा दे रही है

4. राजस्थान: डिजिटल सब्सिडी और पारदर्शिता की दिशा में कदम

राजस्थान सरकार ने ईवी को प्रोत्साहित करने के लिए 200 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया है, जिससे दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर ₹5,000 से लेकर ₹50,000 तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए एक डिजिटल पोर्टल विकसित किया गया है जिससे खरीदार सीधे आवेदन कर सकते हैं। यह नीति 1 सितंबर 2022 के बाद खरीदे गए वाहनों पर लागू होती है। यह पहल पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे लोगों का ईवी के प्रति भरोसा बढ़ेगा और ईवी अपनाने की गति भी तेज होगी।

निष्कर्ष

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की सफलता का आधार केवल केंद्र की नीति नहीं, बल्कि राज्यों की सक्रिय भागीदारी भी है। हर राज्य अपने संसाधनों और जरूरतों के अनुसार नीति बना रहा है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त EV इकोसिस्टम का निर्माण हो रहा है। यह नीतियां केवल तकनीक और पर्यावरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि रोजगार, महिला सशक्तिकरण, निवेश और ऊर्जा सुरक्षा जैसे व्यापक आयामों को भी छूती हैं। यदि यह रफ्तार और नीति-निर्माण की पारदर्शिता बनी रही, तो भारत निकट भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों का वैश्विक प्रमुख बन सकता है।

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities