हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम, EV नीति से खुलेगा निवेश का रास्ता

हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम, EV नीति से खुलेगा निवेश का रास्ता

हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम, EV नीति से खुलेगा निवेश का रास्ता
महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 1,993 करोड़ रुपये की लागत से "ईवी नीति 2025" लागू की है, जिसका लक्ष्य राज्य को वर्ष 2030 तक हरित गतिशीलता का अग्रणी केंद्र बनाना है।

 

महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में “महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2025” को मंजूरी दी गई। यह नीति वर्ष 2030 तक प्रभावी रहेगी और इसके लागू होने के लिए अगले पांच वर्षों में ₹1,993 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।

इस नीति का उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने, उनके निर्माण को बढ़ावा देने और मजबूत चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना है, जिससे महाराष्ट्र देश का प्रमुख ईवी हब बन सके।

नीति की मुख्य विशेषताएं

1.राज्य में रजिस्टर होने वाले सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को मोटर व्हीकल टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस से छूट मिलेगी।

2. दोपहिया, तिपहिया, गैर-परिवहन चौपहिया वाहनों और बसों पर 10–15% की सब्सिडी दी जाएगी।

3.इलेक्ट्रिक कार्गो वाहन, हल्के वाणिज्यिक वाहन, ट्रैक्टर और हार्वेस्टर पर 15% की छूट मिलेगी।

4. मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, समृद्धि महामार्ग और अटल सेतु पर चलने वाले ईवी वाहनों को टोल पूरी तरह से माफ रहेगा, जबकि अन्य राजमार्गों पर 50% टोल छूट मिलेगी।

सरकार का लक्ष्य 2030 तक परिवहन क्षेत्र से होने वाले ग्रीनहाउस गैस और प्रदूषणकारी उत्सर्जन को कम करना है। इसके तहत हर 25 किलोमीटर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिससे लंबी दूरी की यात्रा भी आसान हो सकेगी।

निवेश और वित्तीय सहायता पर विशेष ध्यान

नीति न सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए बल्कि निवेशकों और निर्माताओं के लिए भी फायदेमंद है। पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक प्रोत्साहन और 100% ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी।

लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज(Lord's Mark Industries) के मैनेजिंग डायरेक्टर सचिदानंद उपाध्याय ने कहा,“महाराष्ट्र ईवी नीति 2025 इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, उपयोग और चार्जिंग अवसंरचना को स्केल देने की दिशा में अहम कदम है। टोल में छूट, विस्तृत सब्सिडी और पूंजी निवेश में वृद्धि से हरित गतिशीलता को व्यापक प्रोत्साहन मिलेगा। हर 25 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन की योजना रेंज की चिंता को खत्म करने में सहायक होगी।”

लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट सेक्टर के लिए वरदान

यह नीति लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट कंपनियों के लिए भी एक बड़ा अवसर लेकर आई है। ईवी के संचालन से लंबे समय में ईंधन और रखरखाव पर खर्च घटेगा, जिससे व्यवसायिक लाभ भी मिलेगा।

गति एक्सप्रेस और सप्लाई चेन लिमिटेड(Gati Express and Supply Chain Limited) के एमडी और सीईओ केतन कुलकर्णी ने कहा, “महाराष्ट्र की ईवी नीति 2025 एक दूरदर्शी योजना है जो लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को आर्थिक और संचालन की दृष्टि से व्यावहारिक बनाती है। इससे कंपनियों को फ्लीट के इलेक्ट्रिफिकेशन में मदद मिलेगी और हरित लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम का निर्माण होगा।”

ऐप आधारित टैक्सी सेवा के लिए नई गाइडलाइन

ईवी नीति के साथ-साथ राज्य सरकार ने ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के लिए भी एक नियामक ढांचा तैयार किया है, जिसका उद्देश्य यात्री सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

महिला यात्रियों के लिए राइड पूलिंग में महिला ड्राइवर या सह-यात्री की व्यवस्था अनिवार्य होगी।जीपीएस ट्रैकिंग, इमरजेंसी कॉन्टैक्ट, ड्राइवर का चरित्र सत्यापन, प्रशिक्षण और बीमा कवर जैसी व्यवस्थाएं अनिवार्य की गई हैं।विस्तृत नियमावली जल्द ही जारी की जाएगी।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2025 राज्य सरकार का एक दूरदर्शी और प्रभावशाली कदम है, जो पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक विकास और  टेक्नोलॉजी इनोवेशन को एक साथ जोड़ती है। यह नीति न केवल ईवी उपभोक्ताओं को वित्तीय लाभ और इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा प्रदान करती है, बल्कि लॉजिस्टिक्स, परिवहन और मैन्युफैक्चरिंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के नए अवसर भी सृजित करती है। हर 25 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन की योजना, करों और टोल में छूट, और पूंजी निवेश में प्रोत्साहन जैसे प्रावधान महाराष्ट्र को देश का अग्रणी ईवी हब बनाने की दिशा में मजबूत आधार प्रदान करते हैं। यह नीति राज्य को एक हरित, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार परिवहन व्यवस्था की ओर ले जाने का स्पष्ट संकेत है।

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