भारत का सेमीकंडक्टर सेक्टर डिज़ाइन से निर्माण की ओर बढ़ा

भारत का सेमीकंडक्टर सेक्टर डिज़ाइन से निर्माण की ओर बढ़ा

भारत का सेमीकंडक्टर सेक्टर डिज़ाइन से निर्माण की ओर बढ़ा
भारत का सेमीकंडक्टर सेक्टर डिज़ाइन से निर्माण की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है, सरकारी योजनाओं और स्टार्टअप इनोवेशन के जरिए निवेश भी बढ़ा है। डेमो: सेमीकंडक्टर रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक घरेलू मार्केट दोगुना होने की संभावना है।

 

भारत की अग्रणी डीपटेक वेंचर कैपिटल फर्म  एंडिया पार्टनर्स (Endiya Partners) ने अपनी नई रिपोर्ट “India’s Semiconductor Moment: Perspectives from DEMO” जारी की। यह रिपोर्ट DEMO: सेमीकंडक्टर से मिली जानकारियों पर आधारित है, जो एंडिया (Endiya) की DEMO (Deeptech Exponential Market Opportunities) पहल की पहली पेशकश थी। यह मंच भारत के डीपटेक इनोवेशन—सेमीकंडक्टर्स, बायोटेक, साइबरसिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस—को प्रदर्शित करने, नीति चर्चा और निवेशकों से जोड़ने के लिए बनाया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत सेमीकंडक्टर डिज़ाइन में वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति में है। देश में 150,000 डिज़ाइन इंजीनियर हैं, जो वैश्विक टैलेंट का लगभग 20% है। कुल मिलाकर डिज़ाइन, निर्माण और पैकेजिंग में 2.2 लाख पेशेवर काम कर रहे हैं। लेकिन भारत का वैश्विक फ़ैब्रिकेशन (फैब) क्षमता में हिस्सा अभी 0.5% से कम है, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ाने का बड़ा अवसर मौजूद है।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन  India Semiconductor Mission (ISM) के तहत दिसंबर 2021 में ₹76,000 करोड़ का निवेश शुरू हुआ, जिससे अब तक ₹1.6 ट्रिलियन (~$18 बिलियन) की निजी निवेश योजनाएं मंजूर हो चुकी हैं। इसके तहत 10 परियोजनाओं के लिए लगभग 90 मिलियन चिप्स प्रतिदिन का उत्पादन क्षमता तैयार होगी। भारत का घरेलू सेमीकंडक्टर मार्केट 2030 तक $52 बिलियन से $103 बिलियन तक बढ़ने का अनुमान है।

रिपोर्ट में भारत के लिए सात प्रमुख अवसर क्षेत्र बताए गए हैं:

  1. ईडीए और आईपी डेवलपमेंट
  2. एनालॉग / मिक्सड -सिग्नल / आरएफ
  3. पावर सेमीकंडक्टर
  4. चिपलेट्स और एडवास्ड पैकेजिंग
  5. टेस्ट और मेट्रोलॉजी
  6. टूल्स और इक्वीपमेंट
  7. ट्रसटीड सप्लाई चेन (ऑटोमोटिव, टेलीकॉम, डिफेंस, डेटा सेंटर)

भारत में अब 100 से अधिक सेमीकंडक्टर स्टार्टअप हैं। वेंचर निवेश 2023 में $5 मिलियन से बढ़कर 2024 में $28 मिलियन हो गया। Design Linked Incentive (DLI) योजना के तहत 23 प्रोजेक्ट्स को ₹803 करोड़ मंजूर हुए, जिससे 278 संस्थानों और 72 स्टार्टअप्स को मदद मिली।

रिपोर्ट में उत्पादन में कमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निर्भरता, विशेषज्ञ टैलेंट की कमी (2027 तक 10,000–13,000 की कमी), अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और डोमेस्टिक व एक्सपोर्ट संभावनाओं जैसी चुनौतियों को भी रेखांकित किया गया है।

तीन ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट 2026–27 तक पायलट उत्पादन शुरू करने के लक्ष्य के साथ तैयार हैं, जिससे भारत धीरे-धीरे डिजाइन से निर्माण की दिशा में बढ़ रहा है। घरेलू मांग भी ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, इंडस्ट्रियल IoT और डिफेंस सिस्टम्स के कारण मजबूत हो रही है।

पूर्व सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि इस तरह के संवाद से डीपटेक के लिए स्पष्ट रणनीति बन सकती है। Intel, AMD, Qualcomm, NXP Semiconductors, Texas Instruments और Marvell जैसी कंपनियों ने भी भारत में अपने डिज़ाइन और R&D नेटवर्क में बढ़ती भूमिका दिखाई।

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