सरकार के 'विजन 2031 पहल' के तहत ‘रीकोड केरल 2025’ आईटी सेमिनार आयोजित किया गया, जिसके उद्घाटन अवसर पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि, विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए केरल राज्य 2031 तक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में पांच लाख नौकरियां पैदा करने की योजना बना रहा है, जिसका लक्ष्य भारत के आईटी बाजार में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना और वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की संख्या बढ़ाकर 120 करना भी है।
कार्यक्रम के दौरान सी.एम ने सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और उभरती प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के लिए विजन दस्तावेज का मसौदा भी जारी किया। उद्योग मंत्री पी. राजीव ने विभाग की ओर से दस्तावेज प्राप्त किया।
इस दौरान विजयन ने कहा कि केरल को अपने आईटी बुनियादी ढांचे का विस्तार तीन करोड़ वर्ग फुट तक करने की जरूरत है। चूंकि राज्य के पास सीमित भूमि उपलब्ध है, इसलिए सरकार नई सुविधाओं के निर्माण में मदद के लिए लैंड-पूलिंग मॉडल के जरिए निजी निवेश को प्रोत्साहित कर रही है। इसके साथ ही सरकार डेटा सेंटर, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर साइट्स और सैटेलाइट आईटी पार्क विकसित करेगी, जिससे राज्य ऊर्जा उपयोग और निर्माण दोनों में मजबूत बनेगा।
पिनाराई विजयन ने आगे कहा, "हमारा लक्ष्य दस लाख कुशल युवाओं को प्रशिक्षित करना, पांच लाख उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा करना और वैश्विक क्षमता केंद्रों में दो लाख लोगों को रोजगार प्रदान करना है।" साथ ही सरकार नवाचार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए केरल फ्यूचर टेक्नोलॉजी मिशन, केरल सेमीकंडक्टर मिशन और केरल एआई मिशन जैसे नए निकाय बनाने की योजना बना रही है। इनमें सेमीकंडक्टर में अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि केरल इस क्षेत्र में नए विकास से लाभान्वित हो सके।
पिनाराई ने बताया “कोच्चि में स्थित एक मेकर विलेज है जो अब देश का सबसे बड़ा हार्डवेयर इनक्यूबेटर है, जल्द ही मेकर विलेज 2.0 परियोजना के तहत विस्तारित होगा। नए चरण में वायनाड, कन्नूर, पलक्कड़, अलाप्पुझा, त्रिशूर और कोट्टायम में क्षेत्रीय इनक्यूबेशन और अनुसंधान केंद्र भी शामिल होंगे।"
सीएम पिनाराई ने कहा केरल का लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वैश्विक केंद्र बनना है, उन्होंने विशेषज्ञों और अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस बात पर चर्चा करें कि कैसे तकनीक और एआई सरकारी सेवाओं को अधिक प्रभावी और नागरिक-अनुकूल बना सकते हैं।
पिनाराई ने आगे कहा कि केरल राज्य जो कभी भूमि सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करता था, अब उस दृष्टिकोण को अन्य क्षेत्रों में भी लागू कर रहा है। उन्होंने बताया कि देश का पहला टेक्नोपार्क और पहली इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन कंपनी, दोनों केरल में ही स्थापित की गई थीं और पिछले एक दशक में, राज्य ने भारत का पहला डिजिटल विश्वविद्यालय और डिजिटल विज्ञान पार्क भी स्थापित किया है।
इसी संदर्भ उन्होंने आगे कहा, "2016 में केरल में लगभग 300 स्टार्टअप थे। आज यह संख्या बढ़कर 6,400 हो गई है।" उन्होंने आगे कहा, "केरल अब भारत के सबसे स्टार्टअप-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक है। 2021 और 2023 के बीच, राज्य में स्टार्टअप क्षेत्र में 254 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश की पहली सुपर फैब लैब भी यहीं स्थापित की गई है।" इसके साथ ही पिछले एक दशक में, स्टार्टअप ने केरल में 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सरकार ने 900 से ज्यादा शुरुआती स्टार्टअप आइडियाज को मदद देने के लिए 50 करोड़ रुपये की सीड फंडिंग मंजूर की है।
सीएम ने अंत में बताया कि "केरल का आईटी निर्यात अब लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का है और वर्तमान में लगभग 1.5 लाख लोग कार्यरत हैं। 2016 से, आईटी क्षेत्र में लगभग 66,000 नए रोजगार सृजित हुए हैं। केरल का कुल आईटी निर्यात, जो 2016 में 34,123 करोड़ रुपये था, जो अब लगभग 90,000 करोड़ रुपये बढ़ गया है।