
दिल्ली सरकार अगले साल अपनी दूसरी इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश करने की योजना बना रही है। इस नई नीति में बढ़ी हुई सब्सिडी, कर में छूट और बेहतर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जाएगा, खासकर दोपहिया ईवी के लिए।
सूत्रों के अनुसार, सरकार उन लोगों को अतिरिक्त कर छूट दे सकती है जो अपने पुराने पेट्रोल या डीज़ल वाहन स्क्रैप कर ईवी खरीदते हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह नीति दोहरा फायदा देगी- प्रदूषण घटेगा और ईवी का उपयोग बढ़ेगा।
डिलीवरी और गिग वर्कर्स के लिए ईवी को आसान बनाने के लिए सरकार लो-इंटरेस्ट फाइनेंसिंग विकल्प और बाजारों व हाई-डिमांड एरिया में ई-बाइक चार्जिंग पॉइंट भी लगाएगी।
वर्तमान में ईवी नीति इस साल खत्म होने वाली थी, लेकिन इसे मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है, या जब तक नई नीति लागू नहीं होती। नई नीति 2026 की पहली तिमाही में सार्वजनिक परामर्श(पब्लिक कंसल्टेशन) के बाद पेश की जाएगी।
अभी खरीदारों को बैटरी क्षमता के हिसाब से ₹5,000 प्रति kWh की सब्सिडी मिलती है, अधिकतम 30,000 रुपये तक। नई नीति में यह सीमा दोगुनी करने पर विचार किया जा रहा है ताकि पेट्रोल और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के बीच की कीमत का अंतर घट सके।
हालांकि ईवी की बिक्री बढ़ रही है, लेकिन सड़क पर पारंपरिक पेट्रोल वाहन अब भी अधिक हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में दिल्ली में 22,646 बैटरी आधारित वाहन और 8,684 ईवी रजिस्टर्ड हुए। वर्ष 2025 में यह संख्या 5,906 और 21,963 रही। वहीं, पेट्रोल दोपहिया वाहन अभी भी ईवी से बहुत आगे हैं, इस साल 2.55 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
वहीं, सरकार को 140 करोड़ रुपये की लंबित (पेंडिंग) ईवी सब्सिडी अभी तक जारी करनी है। ट्रांसपोर्ट मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि सब्सिडी जांच के बाद जारी की जाएगी और इसके लिए एक विशेष पोर्टल बनाया जा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी निर्देश दिया है कि प्रक्रिया में देरी का उपयोग भुगतान रोकने के लिए नहीं किया जा सकता।