साथ ही 65.56 एकड़ भूमि पर स्थापित होने वाला यह प्लांट पूरे देश में किफायती ई-बसों की आपूर्ति करने और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह मेगा परियोजना 12 सौ करोड़ के निवेश से स्थापित की जा रही है, जिसके लिए भूमि आवंटन राजस्थान औद्योगिक निवेश एवं विकास निगम के माध्यम से किया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के लिए प्रस्तावित इस परियोजना पर बात करते हुए उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि राजस्थान में ऐसे अनेक सेक्टर हैं जिनमें बड़े काम हो सकते हैं, इनमें ऑटोमोबाइल सेक्टर ऐसा है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं।
वहीं कुछ समय पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी ईवी के बढ़ते व्यापार क्षेत्र की प्रमुखता से चर्चा की, जिसमें उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 20 लाख करोड़ रुपये तक का होगा। क्योंकि तेजी से बढ़ रहे ईवी बाजार से देशभर में पांच करोड़ नौकरियां भी पैदा होंगी। सरकार इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को प्रोत्साहन देने की दिशा में लगातार प्रतिबद्ध है, जिसके चलते देश में यह उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है।
फिलहाल राजस्थान में सरकार ने कई नीतियां इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को प्रोत्साहन देने की दिशा में लागू करने का निर्णय किया है, ताकि अधिक से अधिक निवेश राजस्थान में आ सके और रोजगार के नवीन अवसर बढें।
आइए जानें पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी के बारे में
देश की अग्रणी इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी है, जो अब राजस्थान से पूरे भारत में सस्ती दरों पर ई-बसेज उपलब्ध कराएगी। इससे न केवल पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों और आपूर्ति शृंखला को भी गति मिलेगी।
कंपनी कहना है कि इस मेगा परियोजना के बाद यहां हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही यह फैक्ट्री न केवल बस निर्माण का केंद्र बनेगी बल्कि नवाचार, अनुसंधान और तकनीकी प्रशिक्षण का भी हब होगी, इससे राजस्थान ग्रीन मोबिलिटी के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य तो बनेगा ही, साथ ही राजस्थान को हरित परिवहन और मेक इन इंडिया के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगा।