लॉजिस्टिक्स कंपनी डेल्हिवरी लिमिटेड (Delhivery Ltd) को वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में नुकसान झेलना पड़ा है। हालांकि कंपनी की आमदनी में 17% की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन बढ़ते खर्चों ने मुनाफे पर प्रभाव डाला है।
कंपनी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को दी जानकारी में बताया कि ऑपरेशंस से राजस्व 2,559 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही के 2,190 करोड़ रुपये से ज्यादा है। अगर 92 करोड़ रुपये की नॉन-ऑपरेटिंग इनकम को भी शामिल किया जाए तो कंपनी का कुल राजस्व 2,651 करोड़ रुपये रहा।
हालांकि, खर्च बढ़ने के कारण कंपनी को 50 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में उसे 10 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (H1 FY26) में कंपनी का मुनाफा 37% घटकर 40.5 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल 64.5 करोड़ रुपये था।
कंपनी का सबसे बड़ा खर्च फ्रेट हैंडलिंग और सर्विसिंग पर हुआ, जो कुल खर्च का 68% है और सालाना आधार पर 12.5% बढ़कर 1,843 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वहीं, कर्मचारियों पर खर्च 22% घटकर 425 करोड़ रुपये रहा। इसके बावजूद कानूनी, मूल्यह्रास (डिप्रिशिएशन) और अन्य खर्चों में बढ़ोतरी से कुल खर्च 2,708 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछले साल 2,294 करोड़ रूपये था। डेल्हिवरी का मुख्य कारोबार वेयरहाउसिंग, लास्ट-माइल डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट सॉल्यूशंस से जुड़ा है।