ईस्टमैन और वंदे भारत में 50 करोड़ की बैटरी सप्लाई डील

ईस्टमैन और वंदे भारत में 50 करोड़ की बैटरी सप्लाई डील

ईस्टमैन और वंदे भारत में 50 करोड़ की बैटरी सप्लाई डील
ईस्टमैन हर साल वंदे भारत ई-व्हीकल्स को ई-रिक्शा के लिए लिथियम-आयन बैटरी सप्लाई करेगा, ईवी ट्रांजिशन को मिलेगा बढ़ावा।

ईस्टमैन ऑटो एंड पावर लिमिटेड ने वंदे भारत ईवी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत ईस्टमैन हर साल वंदे भारत इलेक्ट्रिक वाहन को 50 करोड़ रुपये की लिथियम-आयन बैटरियां सप्लाई करेगा। यह साझेदारी भारत में इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहनों के तेजी से विस्तार और हरित परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस सहयोग के माध्यम से ईस्टमैन, वंदे भारत की ई-रिक्शा फ्लीट को उन्नत बैटरी तकनीक के साथ सशक्त करेगा, जिससे देशभर में कॉमर्शियल ड्राइवरों और फ्लीट ऑपरेटर्स के लिए ईवी अपनाना अधिक सुलभ और किफायती हो सकेगा।

ईस्टमैन ऑटो एंड पावर लिमिटेड, जो 2006 में स्थापित हुई थी, भारत की अग्रणी पावर सॉल्यूशंस कंपनियों में से एक है। कंपनी ई-मोबिलिटी, सौर ऊर्जा, और एनर्जी स्टोरेज समाधानों में विशेषज्ञता रखती है। भारत में आठ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और 5,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ, ईस्टमैन 50 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। कंपनी देश की सबसे बड़ी सोलर ट्यूबलर बैटरी निर्माता भी है।

वहीं, वंदे भारत इलेक्ट्रिक वाहन, जिसे साहनियानंद ई-व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत देशी परिस्थितियों के अनुसार इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स जैसे ई-रिक्शा, ई-कार्ट और ई-लोडर का निर्माण करती है।

ईस्टमैन ऑटो एंड पावर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर शेखर सिंघल ने कहा, "यह साझेदारी भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को तेज गति देने के हमारे मिशन का महत्वपूर्ण पड़ाव है। हमारी एडवांस्ड लिथियम-आयन बैटरी टेक्नोलॉजी और वंदे भारत के ई-रिक्शा फ्लीट का मेल देश में स्थायी परिवहन को बढ़ावा देगा।"

वंदे भारत ई-व्हीकल्स के डायरेक्टर सुमित आनंद ने कहा, "ईस्टमैन के साथ यह साझेदारी हमारे लिए एक अहम कदम है। हम ड्राइवरों को सशक्त बनाना, हरित लॉजिस्टिक्स को सक्षम करना और भारत को नेट-जीरो लक्ष्य के करीब लाना चाहते हैं।"यह साझेदारी भारत में ईवी अपनाने को सरल, विश्वसनीय और किफायती बनाने के लिए उद्योग के दो बड़े प्रमुखों का संयुक्त प्रयास है।

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