अक्टूबर 2025 में भारत में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल (PE/VC) निवेशों में मूल्य के आधार पर 9% की वृद्धि दर्ज की गई। EY और IVCA की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में कुल 5.3 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ, जो पिछले वर्ष के 4.9 बिलियन डॉलर से अधिक है। हालांकि, सौदों की संख्या 102 रही, जो साल-दर-साल 9% और महीने-दर-महीने 14% की गिरावट दर्शाती है।
सितंबर की तुलना में शुद्ध PE/VC निवेश 57% बढ़कर 3.2 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश 83% गिरकर 1.7 बिलियन डॉलर पर आ गए। अक्टूबर में PIPE डील्स सबसे अधिक रहीं, जबकि सेक्टर के आधार पर वित्तीय सेवाएं 2.9 बिलियन डॉलर के साथ सबसे आगे रहीं, इसके बाद ई-कॉमर्स में 715 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ।
अक्टूबर में PE/VC एग्ज़िट 640 मिलियन डॉलर रहे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 43% कम है। पब्लिक मार्केट एग्ज़िट—जैसे ओपन मार्केट और IPO—कुल एग्ज़िट मूल्य के 73% (467 मिलियन डॉलर) रहे। प्रमुख सौदों में अदित्य बिड़ला कैपिटल द्वारा एडवेंट की 2% हिस्सेदारी का 186 मिलियन डॉलर में ओपन मार्केट एग्ज़िट शामिल है।
EY इंडिया के विवेक सोनी ने कहा कि आने वाले वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र में मांग मजबूत रहने की उम्मीद है, जिसे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और सरकारी खर्च से समर्थन मिलेगा। उन्होंने बताया कि ऊर्जा संक्रमण, रक्षा और ऑटोमोटिव उत्पादों की बढ़ती मांग भी उद्योग वृद्धि को गति देगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मजबूत GST संग्रह और अक्टूबर में CPI में गिरावट RBI को ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के लिए थोड़ी राहत दे सकती है, जिससे कैपेक्स और उपभोग आधारित वृद्धि को बल मिल सकता है। हालांकि, ऊंचे बाजार मूल्यांकन निजी सौदों के लिए चुनौती बने हुए हैं।
सोनी ने कहा कि यदि अमेरिका–भारत FTA पर सकारात्मक प्रगति होती है, तो इससे निवेश भावना में बड़ा सुधार आ सकता है। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य को लेकर "सावधानीपूर्ण आशावाद" जताया।