जितेंद्र न्यू ईवी टेक ने एमईटी इंजीनियरिंग संस्थान के साथ किया करार

जितेंद्र न्यू ईवी टेक ने एमईटी इंजीनियरिंग संस्थान के साथ किया करार

जितेंद्र न्यू ईवी टेक ने एमईटी इंजीनियरिंग संस्थान के साथ किया करार
जितेंद्र इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और नासिक के एमईटी कॉलेज ने ईवी सेक्टर में मिलकर काम करने के लिए समझौता किया है। इससे छात्रों को रिसर्च, लाइव प्रोजेक्ट और इंडस्ट्री ट्रेनिंग के मौके मिलेंगे।

जितेंद्र न्यू ईवी टेक प्रा. लि. (JNEVTPL ने नासिक के भुजबळ नॉलेज सिटी, अडगांव स्थित एमईटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (IOE) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य अकादमिक क्षेत्र और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

एमओयू पर हस्ताक्षर एमईटी आईओई कैंपस में आयोजित समारोह के दौरान किए गए। संस्थान की ओर से प्राचार्य डॉ. वी.पी. वाणी और कंपनी की ओर से अनुसंधान एवं विकास विभाग के तेजस मरचेंट ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर यांत्रिक अभियंत्रण विभागाध्यक्ष डॉ. एस.डी. कलपांडे, प्रो. डॉ. सचिन दाहाके, विभाग के अन्य फैकल्टी सदस्य, और कंपनी के प्रतिनिधि सतीश कुलकर्णी व गणेश जाधव भी मौजूद थे।

इस साझेदारी के तहत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त शोध, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, तकनीकी परामर्श और छात्र प्रशिक्षण जैसी गतिविधियां की जाएंगी। एमईटी आईओई कंपनी की उत्पादकता बढ़ाने, मैन्युफैक्चरिंग और फील्ड से जुड़ी समस्याओं को हल करने और एडवांस इंजीनियरिंग प्रैक्टिस लागू करने के लिए विशेषज्ञ परामर्श देगा।

संस्थान इलेक्ट्रिक स्कूटर, ई-रिक्शा, इलेक्ट्रिक बाइक और अन्य ई-मोबिलिटी समाधानों के विकास में तकनीकी सहयोग भी करेगा। बदले में, एमईटी आईओई के छात्रों को औद्योगिक अनुभव के लिए साइट विजिट, इंटर्नशिप और ईवी टेक्नोलॉजी व मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस से जुड़े लाइव प्रोजेक्ट्स में भाग लेने का मौका मिलेगा।

प्राचार्य डॉ. वी.पी. वाणी ने कहा कि यह साझेदारी छात्रों को पढ़ाई में सीखी बातों को असल काम में लागू करने का मौका देगी, जिससे वे ईवी सेक्टर की नई तकनीकों को सीखकर अपने करियर को मजबूत बना सकेंगे।

जितेंद्र न्यू ईवी टेक की ओर से तेजस मरचेंट ने बताया कि यह साझेदारी केवल ज्ञान साझा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य ऐसे कुशल इंजीनियर तैयार करना है जो इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में इनोवेशन और वास्तविक समय की समस्या समाधान में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि यह एमओयू रिसर्च, उत्पाद विकास और वर्कफोर्स डेवलपमेंट में लंबे समय तक सहयोग की नींव रखेगा।

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