
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता ईकेए मोबिलिटी ने नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) के इंडिया-जापान फंड (India-Japan Fund) से 500 करोड़ रुपये (लगभग 57 मिलियन डॉलर) का रणनीतिक निवेश हासिल किया है। कंपनी का कहना है कि यह नई पूंजी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने, रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) को आगे बढ़ाने, सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने और मार्केटिंग गतिविधियों को मजबूत करने में लगाई जाएगी।
कंपनी के फाउंडर सुधीर मेहता ने कहा,“यह निवेश हमारे विस्तार, R&D मजबूती और भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण समय पर आया है।”
ईकेए मोबिलिटी (EKA Mobility) की स्थापना 2022 में हुई थी और यह पिनेकल इंडस्ट्रीज (Pinnacle Industries) की सहायक कंपनी है। कंपनी इलेक्ट्रिक बसों और छोटे इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स (eSCVs) का निर्माण करती है। यह भारत की PLI योजना का हिस्सा है और Mitsui & Co. और VDL Group के साथ साझेदारी में काम कर रही है। ईकेए मोबिलिटी के पोर्टफोलियो में 7m, 9m और 12m इलेक्ट्रिक बसें, इंटरसिटी कोच, 3-व्हीलर पैसेंजर और कार्गो वाहन, 55T और 7T भारी ट्रक, और 1.5T, 2.5T और 3.5T छोटे कमर्शियल वाहन शामिल हैं।
कंपनी का कहना है कि उसके पास 3,300 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों के ऑर्डर पहले ही पक्के हो चुके हैं, जो राज्य सरकार, म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और निजी कमर्शियल फ्लीट्स के लिए हैं। पुणे स्थित ईकेए मोबिलिटी (EKA Mobility) की ई-बस निर्माण यूनिट वर्तमान में प्रति माह 200–250 बसें बना सकती है, और कंपनी का लक्ष्य FY26 तक इसे 500 बसों प्रति माह तक बढ़ाना है। इसके अलावा, कंपनी के पास 3,000 ई-बस और 1,000 SCVs के ऑर्डर भी हैं।
वित्तीय वर्ष 24 (FY24) में कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू पिछले वर्ष के 2.90 करोड़ रुपये से बढ़कर 53 करोड़ रुपये हो गई, यानी लगभग 12 गुना बढ़ोतरी हुई। भारत का ईवी बाजार तेजी से बढ़ रहा है और देश की इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री 2030 तक $132 बिलियन का अवसर बनने की संभावना रखती है। वर्ष 2014 से अब तक भारत में ईवी स्टार्टअप्स में 3.7 बिलियन डॉलर का निवेश हो चुका है और देश में 120 से ज्यादा फंडेड ईवी स्टार्टअप्स मौजूद हैं।