
भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार इस साल के त्योहारी सीजन में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। ऑटो इंडस्ट्री के संगठन एसआईएएम (SIAM) के प्रेसिडेंट शैलेश चंद्रा ने कहा कि भले ही ईवी की मासिक बिक्री पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में थोड़ी धीमी दिखे, लेकिन ईवी की कुल रफ्तार बहुत मजबूत बनी हुई है। कई नए लॉन्च और ऑटो कंपनियों की बढ़ती भागीदारी से यह सेगमेंट तेजी से आगे बढ़ रहा है।
चंद्रा ने बताया कि इस बार का त्योहारी सीजन इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स के लिए अब तक का सबसे बड़ा सीजन साबित हो सकता है। सितंबर 22 से पहले छोटे पेट्रोल-डीजल वाहनों पर करीब 30% टैक्स लगता था, जबकि बड़े कारों और एसयूवी पर 43–55% तक टैक्स था। वहीं, ईवी पर सिर्फ 5% जीएसटी था, जिससे उन्हें 25–50% तक का फायदा मिलता था।
अब छोटे आईसीई वाहनों (पेट्रोल-डीजल) पर टैक्स घटकर 18% और बड़े वाहनों पर 30–35% रह गया है। इसके बावजूद ईवी पर अब भी 13–25% तक का टैक्स फायदा बना हुआ है, जिससे वे खरीदारों के लिए अब भी ज्यादा आकर्षक और भविष्य के लिहाज से बेहतर विकल्प हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा कि आने वाले 4 से 6 महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएगी।
वर्तमान में लगभग सभी बड़ी ऑटो कंपनियों के पास इलेक्ट्रिक वाहन मौजूद हैं। टाटा मोटर्स इस सेगमेंट में अग्रणी है, जबकि एमजी मोटर और महिंद्रा एंड महिंद्रा भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। मारुति सुजुकी भी अब अपनी पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी eVitara को 100 देशों में एक्सपोर्ट करने की तैयारी में है।
सरकार भी उद्योग के साथ मिलकर उपभोक्ता भरोसा मजबूत करने में जुटी है। प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना (PM E-DRIVE) के तहत ₹10,900 करोड़ के बजट में से ₹2,000 करोड़ का उपयोग देशभर में 72,300 पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए किया जाएगा।
एसआईएएम के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही (FY2025-26) में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री लगभग 10.4 लाख यूनिट रही, जो पिछले साल से 1.5% कम है।
वहीं, दोपहिया वाहनों की बिक्री 7.4% बढ़कर 55.6 लाख यूनिट पहुंची। तिपहिया वाहनों की बिक्री रिकॉर्ड स्तर 2.29 लाख यूनिट रही। कमर्शियल वाहनों में भी 8.3% की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
चंद्रा ने कहा कि ऑटो उद्योग इस वित्त वर्ष को सकारात्मक ग्रोथ के साथ समाप्त करेगा। बेहतर मानसून, मजबूत अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता विश्वास के चलते बाजार स्थिर बना हुआ है।
चंद्रा ने बताया कि एसयूवी की बिक्री अब स्थिर हो रही है। कुछ साल पहले एसयूवी की हिस्सेदारी 29% थी, जो अब 56% तक पहुंच चुकी है। वहीं हैचबैक और सेडान की हिस्सेदारी घटकर 30% के आसपास आ गई है।
उन्होंने कहा, “एसयूवी सेगमेंट का लॉन्च साइकल अब पूरा हो चुका है, इसलिए अब यह बाजार स्थिरता की ओर बढ़ रहा है।”
चंद्रा ने कहा, “करीब 70% ग्राहक कीमतों में कटौती का इंतजार कर रहे थे। अब वह मांग खुल रही है। आम तौर पर त्योहारी महीनों में बिक्री सामान्य महीनों से 35–40% अधिक होती है। जीएसटी में कमी से कीमतें और आकर्षक हो गई हैं, जिससे नए खरीदार बाजार में आएंगे।”