
ईवी सब्सिडी सिस्टम में 14 अक्टूबर 2025 से हुए बदलाव के तहत राज्य में केवल 'मेड इन यूपी' यानी उत्तर प्रदेश में बने या असेंबल किए गए इलेक्ट्रिक वाहन को ही सब्सिडी, रोड टैक्स छूट और रजिस्ट्रेशन फी में छूट मिलेगी।
यूपी ईवी सब्सिडी नीति में बदलाव के अनुसार, केवल उत्तर प्रदेश में निर्मित या असेंबल किए गए इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीद सब्सिडी, रोड टैक्स छूट और पंजीकरण शुल्क माफी जैसे वित्तीय लाभों के लिए पात्र होंगे। साथ ही 14 अक्टूबर, 2025 से 13 अक्टूबर, 2027 तक राज्य में निर्मित, बेचे और पंजीकृत किए गए इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 प्रतिशत छूट की सुविधा दी जाएगी।
क्या है ईवी सब्सिडी नीति में बदलाव का उद्देश्य
यह कदम यूपी सरकार द्वारा स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, रोजगार के क्षेत्र में नवीन सृजन करने और राज्य को ईवी हब बनाने की दिशा में उठाया गया है, जो 'मेक इन इंडिया' और ‘उन्नतशील’ और 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन से सीधा जुड़ा हुआ है।
साथ ही यूपी सरकार का ईवी सब्सिडी सिस्टम में बदलाव करने का एक बड़ा उद्देश्य यह भी है कि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिले, जिससे राज्य में नई फैक्ट्रियां और रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे लोकल कंपनियों को निवेश बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा और यूपी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक महत्वपूर्ण बाज़ार के रूप में भी उभरेगा। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स को जानते हैं।
यूपी ईवी सब्सिडी नीति लागू होने से पहले की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश ने पहली EV नीति 14 अक्टूबर 2022 को लॉन्च की गई थी। उस समय राज्य सरकार ने तीन साल के लिए रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ करने का निर्णय लिया था। साथ ही सीधे 5,000 से लेकर 20 लाख तक की सब्सिडी की सुविधा दी जा रही थी। इसमें दोपहिया के लिए 5,000 रुपये, कार के लिए 1 लाख और 20 लाख इलेक्ट्रिक बसों के लिए तय किया गया था। अभी तक करीब 17,600 वाहन मालिकों को इसका लाभ मिल चुका है, जबकि लगभग 38,300 आवेदन अभी बाकी रहते हैं।
ईवी सब्सिडी नीति में हुए बदलाव से कैसे होगा फयदा?
ईवी सब्सिडी नीति में बदलाव से यूपी में बने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ेगी, राज्य में नई फैक्ट्रियां और रोजगार के अवसर पैदा होंगे और साथ ही लोकल कंपनियों को निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।
ईवी सब्सिडी नीति में हुए बदलाव से नुकसान कैसे?
जिन ब्रांड्स की मैन्युफैक्चरिंग यूपी में नहीं है, उनके ईवी अब महंगे पड़ेंगे। कई लोकप्रिय इलेक्ट्रिक कारें और स्कूटर (जैसे Tata, BYD, Ather, MG आदि) अब सब्सिडी के दायरे से बाहर हो सकते हैं। इसके अलावा शॉर्ट टर्म में EV बिक्री पर काफी असर पड़ सकता है।
कैसे करें ईवी सब्सिडी के लिए आवेदन
जो ग्राहक सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वाहन के पास यूपी मैनुफैक्टरिंग/असेम्बली सर्टिफिकेट हो। इसके अलावा सब्सिडी आवेदन राज्य के ‘ईवी सब्सिडी पोर्टल’ पर करना होगा। फाइनल वेरीफिकेशन संबंधित RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) द्वारा किया जाएगा।