भारतीय विमानन को और सशक्त बनाने के प्रयास में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने Shankh Air, Al Hind Air और FlyExpress को नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया है। यह मंत्रालय की ओर से नई एयरलाइंस खोलने की मंजूरी है।
हालांकि, NOC केवल प्रारंभिक कदम है और इससे उड़ान अधिकार की गारंटी नहीं मिलती। एयरलाइंस को वाणिज्यिक उड़ान शुरू करने से पहले DGCA से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) प्राप्त करना, विमान, क्रू और आधारभूत संरचना तैयार करना अनिवार्य है।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, "पिछले सप्ताह में मैंने उन नई एयरलाइंस की टीमों से मुलाकात की, जो भारतीय आकाश में उड़ान भरने की आकांक्षा रखती हैं। Shankh Air को मंत्रालय से NOC मिल गया है, जबकि Al Hind Air और FlyExpress को इस सप्ताह NOC प्रदान किया गया।"
मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार का उद्देश्य भारतीय विमानन में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना और नए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना है। वर्तमान में केवल नौ अनुसूचित घरेलू एयरलाइंस संचालन में हैं। यह कदम इंडिगो और एयर इंडिया के डुओपॉली को खत्म करने और बाजार में विविधता लाने की दिशा में भी है।
हाल ही में दिसंबर 2025 में, IndiGo ने नई Flight Duty Time Limitation (FDTL) नियमावली के कारण लगभग 5,000 उड़ानों को रद्द किया था, जिससे देश में घरेलू उड़ानों में अस्थायी अवरोध उत्पन्न हुआ।
निवेशक और क्षेत्रीय एयरलाइंस की योजना से उम्मीद है कि Al Hind Air, FlyExpress और Shankh Air आने वाले समय में घरेलू विमानन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएंगी।
Al Hind Air: केरल आधारित अल हिंद ग्रुप द्वारा समर्थित, क्षेत्रीय कम्यूटर मॉडल।
Shankh Air: उत्तर प्रदेश के भीतर और आसपास की क्षेत्रीय उड़ानें।
FlyExpress: विस्तार संबंधी विवरण अभी सार्वजनिक नहीं।
वर्तमान में इंडिगो भारतीय घरेलू बाजार में लगभग 63-65% हिस्सेदारी के साथ अग्रणी है, जबकि टाटा ग्रुप (एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, विस्तारा) का संयुक्त हिस्सा लगभग 26-27% है। Akasa Air और SpiceJet क्रमशः छोटे हिस्सेदार हैं।
नायडू ने राज्यसभा में कहा, "भारतीय मांग इतनी तेजी से बढ़ रही है कि हम चाहते हैं कि और एयरलाइंस इस उद्योग में आएँ। यही समय है भारत में नई एयरलाइन शुरू करने का।"