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यह एक राष्ट्रीय पहल है जिसका उद्देश्य युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कौशल से सशक्त बनाना और सामाजिक कल्याण के लिए नवाचार को बढ़ावा देना है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि आज यानी 31 अक्टूबर, 2025 है।
युवाओं के लिए ‘युवा एआई-ग्लोबल यूथ एआई चैलेंज’ प्रतियोगिता की घोषणा
भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में युवाओं और किशोरों के लिए एक नई प्रतियोगिता शुरू की है, जिसका नाम है ‘युवा एआई-ग्लोबल यूथ एआई चैलेंज’। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने विचार और नवाचार प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस पहल के तहत, प्रतिभागी अपने विचारों और प्रोजेक्ट्स को विकसित कर सकते हैं, जो न केवल उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक होंगे, बल्कि देश की तकनीकी प्रगति में भी योगदान देंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने वाले इस शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्ष, वैश्विक नेता, नीति निर्माता, शोधकर्ता और नवप्रवर्तक तीन विषयों जन, ग्रह और प्रगति में एआई की परिवर्तनकारी भूमिका का अन्वेषण करने के लिए एक मंच पर आएंगे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 13-21 वर्ष की आयु के युवाओं को स्थिरता और सामाजिक प्रभाव लक्ष्यों को पूरा करने वाले एआई-संचालित समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित करने हेतु युवाआई चैलेंज का अनावरण किया। भारत-एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ नवाचारों को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रदर्शित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के तहत, प्रतिभागी 10-दिवसीय वर्चुअल बूटकैंप और मेंटरशिप कार्यशालाओं में भाग लेंगे, जहां उन्हें अपने समाधानों को मजबूत और परिष्कृत करने के लिए एआई विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त होगा। चुने गए प्रतिभागी शिखर सम्मेलन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय डेमो दिवस पर अपने नवाचार प्रस्तुत करेंगे।
प्रतियोगिता में 85 लाख रुपये के पुरस्कार दिए जा रहे हैं, जिनमें शीर्ष तीन समाधानों के लिए 15-15 लाख रुपये और अगले तीन समाधानों के लिए 10-10 लाख रुपये शामिल हैं। दो प्रविष्टियों को 5-5 लाख रुपये के विशेष मान्यता पुरस्कार दिए जाएंगे। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे, जबकि शीर्ष 20 फाइनलिस्ट टीमों को नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पूरी तरह से प्रायोजित यात्रा और आवास की सुविधा मिलेगी।
 युवाआई चैलेंज चार प्रमुख नवाचार ट्रैकों पर केंद्रित है:
• लोगों और समुदायों को सशक्त बनाना: बुजुर्गों की देखभाल, शिक्षा तक पहुंच, युवा मानसिक स्वास्थ्य और समावेशिता के लिए एआई समाधान।
• प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तन: टिकाऊ कृषि, हरित विनिर्माण, अपशिष्ट से धन समाधान और औद्योगिक नवाचार।
• भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचा: स्मार्ट शहर, स्वच्छ ऊर्जा और अंतिम छोर तक सेवा वितरण।
• खुला नवाचार: स्केलेबल सामाजिक प्रभाव के साथ क्रॉस-सेक्टर एआई अनुप्रयोग।
शिखर सम्मेलन के बाद के अवसरों में निवेशक प्रस्तुतियां, शीर्ष परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन और शिखर सम्मेलन की वेबसाइट पर विजेता प्रविष्टियों का स्थायी प्रदर्शन शामिल है। उल्लेखनीय है कि सभी बौद्धिक संपदा अधिकार रचनाकारों या टीमों के पास ही रहेंगे।
यूजीसी के अनुसार इस पहल का उद्देश्य तकनीकी और नैतिक दोनों तरह की दक्षताओं से लैस एआई-तैयार युवाओं की एक पीढ़ी तैयार करना है, साथ ही वैश्विक सहयोग और अनुभव के माध्यम से भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है। संस्थानों से आग्रह किया गया है कि वे छात्रों के बीच इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रसारित करें और इसमें सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
 
                             
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