सोशल मीडिया पर इन दिनों दीपिंदर गोयल की नई खोज ‘Temple’ की चर्चा हो रही है। इसे एक एक्सपेरिमेंटल डिवाइस बताया जा रहा है, जो रियल-टाइम में दिमाग में रक्त प्रवाह (Brain Blood Flow) को माप सकता है। यह नई पहल भारत में वियरेबल टेक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
गोयल का Temple संभवतः Gravity Aging Hypothesis (GAH) पर आधारित है। इस हाइपोथीसिस के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम होता है और इसमें गुरुत्वाकर्षण (Gravity) और शरीर की मुद्रा (Posture) जैसी चीजें भी शामिल होती हैं, जो उम्र बढ़ने के लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं।
Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, Temple एक नया प्लेटफ़ॉर्म है जो एक्सपेरिमेंटल डिवाइस बनाता है। इसका एक डिवाइस माथे के पास चिपकाया जाने वाला पैच है, जो दिमाग के रक्त प्रवाह को लगातार मापता है। यह कंपनी गोयल की हेल्थ टेक कंपनी Continue से अलग है। Continue एक रिसर्च-फोकस्ड कंपनी है जिसमें गोयल का निवेश है। अक्टूबर 2025 में गोयल ने Continue में 25 मिलियन डॉलर का निवेश किया।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि Temple 50 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाने की बातचीत कर रही है, जिसमें Steadview Capital, Vy Capital, Info Edge और Peak XV Partners (पूर्व में Sequoia Capital India) जैसे निवेशक शामिल हैं।
दिलचस्प बात यह है कि गोयल ने पहले Ultrahuman के 35 मिलियन डॉलर के Series B राउंड का नेतृत्व भी किया था। इस राउंड में Blume Ventures, Steadview Capital, Nexus VP और Alpha Wave जैसे निवेशकों ने भी भाग लिया। Entrackr की रिपोर्ट के अनुसार, गोयल ने इस राउंड में 83 करोड़ रुपये का निवेश किया।
Temple के बारे में LinkedIn पर एक यूज़र के सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि Gravity Aging Hypothesis पर रिसर्च करते समय उन्हें एक ऐसा डिवाइस बनाना पड़ा, जो ब्रेन फ्लो को सटीक और लगातार माप सके। उन्होंने यह भी कहा कि Temple एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण वियरेबल बन सकता है, और यह डिवाइस उम्र, लंबी उम्र और संज्ञान (Cognition) के लिए उपयोगी रहेगा।
भारत में वियरेबल टेक मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। Grandview Research के अनुसार, 2030 तक यह बाजार लगभग 9 बिलियन डॉलर का होगा। इसमें स्मार्ट वॉच, फिटनेस बैंड, स्मार्ट ग्लास और स्मार्ट रिंग जैसी डिवाइस शामिल हैं। पोस्ट-कोविड समय में लोग फिटनेस और हेल्थ मॉनिटरिंग के प्रति ज्यादा जागरूक हुए हैं।
स्मार्ट रिंग्स ने भारत में खासा ध्यान खींचा है। IDC के अनुसार, 2Q25 में स्मार्ट रिंग्स की 75,000 यूनिट्स शिप हुईं। Ultrahuman, Gabit और Aabo मिलकर इस मार्केट का 65% हिस्सा रखते हैं। इसके अलावा, Samsung (Galaxy Ring), Oura और Amazfit (Helio Ring) जैसे ब्रांड भी भारत में सक्रिय हैं।
सिर्फ रिंग्स ही नहीं, हेल्थ पैच और अन्य कनेक्टेड डिवाइस भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, क्रिकेटर Shreyas Iyer ने Ultrahuman M1 का इस्तेमाल किया, जो रियल-टाइम ग्लूकोज़ मॉनिटर है। इसके अलावा, Virat Kohli, Cristiano Ronaldo और LeBron James जैसे एथलीट Whoop bands का इस्तेमाल करते हैं, जो नींद, रिकवरी और शरीर की स्थिति की जानकारी देते हैं।
Ultrahuman की सफलता, Muse Wearables के ग्लोबल विस्तार और Temple की पहल दिखाती हैं कि भारत अब सिर्फ मार्केट नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी बनाने वाला देश बन रहा है। भविष्य के वियरेबल डिवाइस छोटे, स्मार्ट और AI-पावर्ड होंगे, जो व्यक्तिगत और प्रिवेंटिव हेल्थकेयर में उपयोगी साबित होंगे। यह हेल्थकेयर सिस्टम को और भी प्रेडिक्टिव, प्रिवेंटिव और पर्सनलाइज्ड बनाने में मदद करेगा।