गांधीनगर में आयोजित अर्थ समिट के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत अपने गांवों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में तेज़ी से काम कर रहा है। महात्मा मंदिर कन्वेंशन और एग्ज़िबिशन सेंटर में उन्होंने सहकार सारथी प्राइवेट लिमिटेड नामक साझा सेवा संस्था का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य देशभर के ग्रामीण सहकारी बैंकों की डिजिटल और संचालन क्षमता को मजबूत बनाना है।
अमित शाह ने कहा कि यह पहल भारत के ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने बताया, “2014 के बाद से हमारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था बजट 3.75 गुना बढ़ा है, जो सरकार की गांवों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम ऐसा भविष्य बना रहे हैं जिसमें 50 करोड़ भारतीय सहकारिता से जुड़ेंगे और ग्रामीण भारत विकासशील राष्ट्र विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।”
उन्होंने कहा कि सहकारिता, ग्रामीण विकास और पशुपालन भारत के विकास मॉडल के मुख्य स्तंभ हैं। वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए ग्रामीण समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
कार्यक्रम में अमित शाह ने NABARD और BCG की रिपोर्ट द फ्यूचर ऑफ रूरल बैंकिंग भी जारी की, जिसमें ग्रामीण बैंकिंग को मजबूत बनाने, ग्रामीण क्रेडिट की पहुंच बढ़ाने और सेवाओं में सुधार के उपाय बताए गए हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने कहा कि गुजरात ग्रामीण तकनीक और विकास में देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। वहीं NABARD के चेयरमैन शाजी के वी ने कहा कि सहकार सारथी ग्रामीण सहकारिता के लिए एक नए युग की शुरुआत है।
समिट में शंकरभाई लाघदीरभाई चौधरी, जेठाभाई घेलाभाई आहिर, डॉ. आशीष कुमार भूतानी, डॉ. अंजू शर्मा और अजय भाई पटेल सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं।
यह समिट ग्रामीण परिवर्तन में सहकारिता की भूमिका और तकनीक के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने, बाजार पहुंच का विस्तार करने और समावेशी विकास को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित थी। इसे NABARD और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने संयुक्त रूप से आयोजित किया।