फूड एंड क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्विगी को क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 10,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। यह कदम भारत में किसी इंटरनेट तकनीक कंपनी द्वारा सबसे बड़े इक्विटी फंडरेज में से एक के लिए मंच तैयार करता है।
7 नवंबर को बोर्ड द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद, 8 दिसंबर को आयोजित आम बैठक में एक विशेष प्रस्ताव के जरिए यह मंजूरी दी गई। कंपनी की फाइलिंग के अनुसार 99.47 प्रतिशत मतों ने इस योजना का समर्थन किया। अब मंजूरी मिलने के साथ यह इश्यू इसी हफ्ते लॉन्च हो सकता है।
योजनाबद्ध धन जुटाने से स्विगी की पूंजी स्थिति मजबूत होने और इसके फूड डिलीवरी के साथ-साथ इसकी क्विक कॉमर्स यूनिट इंस्टामार्ट के विस्तार में सहायता मिलने की उम्मीद है।
वर्तमान में इंस्टेंट ग्रॉसरी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और ब्लिंकिट और ज़ेप्टो का जोरदार दबाव है। इस गति को बनाए रखने के लिए स्विगी को वेयरहाउसिंग, डार्क स्टोर इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और ग्राहक अधिग्रहण में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता है।
मौजूदा बाजार भाव के आधार पर नए निर्गम से मौजूदा शेयरधारकों के लिए 10 प्रतिशत से ज्यादा इक्विटी का पतलापन हो सकता है। नवंबर 2024 में सार्वजनिक लिस्टिंग के बाद से यह कंपनी की पहली बड़ी पूंजी जुटाने की पहल होगी, जब कंपनी ने लगभग 4,500 करोड़ रुपये जुटाए थे।
हाल ही में स्विगी ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में अपने घाटे में 74 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो कि 1,092 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वहीं, इंस्टामार्ट ने पिछले वर्ष की तुलना में रेवेन्यू में दोगुनी वृद्धि दर्ज की है। कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू इस तिमाही में 23 प्रतिशत बढ़कर 3,760 करोड़ रुपये हो गया, जिसका मुख्य कारण ऑर्डर की संख्या में वृद्धि और क्विक कॉमर्स में निरंतर तेजी थी।
बेंगलुरु में स्थित इस कंपनी ने रैपिडो में अपने निवेश से भी निकासी की, जिससे उसे 2,399.5 करोड़ रुपये मिले और शुरुआती निवेश से ढाई गुना से भी ज़्यादा की कमाई हुई। अगर बाजार की परिस्थितियां अनुकूल होती हैं, तो क्यूआईपी जल्द ही शुरू किया जा सकता है, जिससे स्विगी को तेजी से विकास करने की वित्तीय क्षमता मिलेगी, हालांकि इससे मौजूदा रिटेल निवेशकों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।