योटा ने एआई-सक्षम उच्च शिक्षा मॉडल विकसित करने के लिए इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया

योटा ने एआई-सक्षम उच्च शिक्षा मॉडल विकसित करने के लिए इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया

योटा ने एआई-सक्षम उच्च शिक्षा मॉडल विकसित करने के लिए इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया
इस सहयोग का उद्देश्य तकनीकी का उपयोग करके देश भर के विश्वविद्यालयों द्वारा सामना की जाने वाली व्यापकता, पहुंच और गुणवत्ता संबंधी चुनौतियों का समाधान करना है।


योटा डेटा सर्विसेज ने भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए एआई-सक्षम शिक्षा वितरण मॉडल विकसित करने के लिए गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस सहयोग का उद्देश्य तकनीकी का उपयोग करके देश भर के विश्वविद्यालयों द्वारा सामना की जाने वाली व्यापकता, पहुंच और गुणवत्ता संबंधी चुनौतियों का समाधान करना है।

यह समझौता ज्ञापन भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और वरिष्ठ नीति निर्माताओं की उपस्थिति में आयोजित एआई विकास पर राष्ट्रीय सम्मेलन, जिसका शीर्षक 'एआई का महाकुंभ' था, के दौरान हस्ताक्षरित किया गया। यह सम्मेलन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और GGSIPU के तत्वावधान में आयोजित किया गया था।

समझौते के तहत योटा GGSIPU से संबद्ध 125 कॉलेजों में अध्ययनरत 2,00,000 से अधिक छात्रों के लिए 350 से अधिक एआई-आधारित पाठ्यक्रमों को समर्थन देने के लिए अपना क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, सर्वर और प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगी। यह पहल छात्रों के लिए नि:शुल्क होगी और GGSIPU को प्रस्तावित एआई स्वचालन ढांचे को बड़े पैमाने पर लागू करने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय स्थापित करेगी।

यह साझेदारी तीन वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है। इस अवधि के दौरान, विश्वविद्यालय में एक समर्पित एआई लर्निंग लैब स्थापित की जाएगी, विभिन्न विभागों में एआई आधारित इंटरैक्टिव पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे और एक ऐसा शिक्षा मॉडल विकसित किया जाएगा जिसे भारत के अन्य विश्वविद्यालय भी अपना सकते हैं।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह ढांचा सार्वजनिक शिक्षा के वितरण में उल्लेखनीय सुधार ला सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मॉडल के माध्यम से नामांकन संबंधी चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है और यह दृष्टिकोण उच्च शिक्षा के विस्तार, विशेष रूप से डिस्टेंस एजुकेशन और लाइफटाइम लर्निंग के लिए एक व्यावहारिक मार्ग प्रदान करता है।

योटा डेटा सर्विसेज के, को-फाउंडर और सीईओ सुनील गुप्ता ने कहा "हम विश्वविद्यालयों को अधिक कुशलता से काम करने में मदद करते हुए, सीखने को अधिक व्यक्तिगत और प्रभावशाली बनाने के लिए प्रयासरत हैं। एआई स्वचालन के साथ एक प्रोफेसर कितने छात्रों को पढ़ा सकता है, इस पर पारंपरिक सीमाएं अब लागू नहीं होतीं।"

एआई फ्रेमवर्क को शिक्षकों को उपस्थिति, सहभागिता और प्रदर्शन पर वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे प्रशासनिक कार्यभार कम होने और शिक्षकों को मार्गदर्शन और छात्र सहभागिता पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलने की उम्मीद है। डिजिटल माध्यम से सेवाएं अधिक कुशल होने के कारण संस्थानों को परिचालन लागत में भी कमी देखने को मिल सकती है।

GGSIPU के कुलपति डॉ. महेश वर्मा ने कहा "एआई प्लेटफॉर्म विभिन्न संस्थानों के शिक्षार्थियों के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में काम करेगा और एक साझा शिक्षण-अधिगम भंडार बनाने में मदद करेगा, जिसका उपयोग देश भर के विश्वविद्यालय कर सकते हैं।"

एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर टीजी सीताराम ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसकी दीर्घकालिक संभावनाओं को रेखांकित किया। नील आर्मस्ट्रांग के शब्दों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा "यह मनुष्य के लिए एक छोटा कदम है, लेकिन मानवता के लिए एक विशाल छलांग है।"

योटा साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता पर राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन भी सुनिश्चित करेगा। इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026 में प्रदर्शित किए जाने की उम्मीद है, जो शैक्षिक अवसरों के विस्तार में जिम्मेदार एआई की भूमिका को उजागर करेगा।

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