इलेक्ट्रिक वाहन अब केवल भविष्य की कल्पना नहीं रह गए हैं; वे भारत में ऑटोमोबाइल परिदृश्य को बदल रहे हैं। वोल्वो कार इंडिया (Volvo Car India) के मैनेजिंग डायरेक्टर ज्योति मल्होत्रा के लिए यह परिवर्तन पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण रहा है।
महिंद्रा और मारुति में काम करने के बाद मल्होत्रा ने लगभग एक दशक पहले वोल्वो (Volvo) में प्रवेश किया। उन्हें एक प्रीमियम कार कंपनी की स्टार्टअप जैसी ऊर्जा और वास्तविक प्रभाव डालने का अवसर आकर्षित कर रहा था। उन्होंने कहा, "पहले दिन ही मुझे लगा कि मैं फर्क डाल सकता हूँ, केवल एक सामान्य कर्मचारी नहीं।"
उन्होंने सेल्स और मार्केटिंग डायरेक्टर के रूप में शुरुआत की और भारत के बाजार की अनूठी चुनौतियों को समझा। 2017 तक Volvo अपनी सभी कारें आयात करता था, जिससे उच्च शुल्क और सीमित किफायती विकल्प थे। मल्होत्रा के प्रयासों से कंपनी ने बैंगलोर में CKD (Completely Knocked Down) असेंबली सुविधा स्थापित की, जिससे प्रीमियम कारें अधिक सुलभ हुईं।
सुरक्षा और स्थिरता मल्होत्रा की प्राथमिकता हैं। उनके नेतृत्व में Volvo ने भारत में राडार-सक्षम XC90 मॉडल पेश किए और नियामक बाधाओं को पार किया। उन्होंने कहा, "स्थिरता सुरक्षा का विस्तार है। यह हमारी धरती की सुरक्षा है।"
सितंबर 2025 में Volvo ने भारत में अपनी सबसे किफायती इलेक्ट्रिक SUV EX30 लॉन्च की, जिसकी कीमत लगभग ₹39.99–41 लाख (ex-showroom) है। मल्होत्रा का मानना है कि EVs भारतीय शहरों की प्रदूषण समस्याओं का समाधान प्रदान करेंगे।
उनकी नेतृत्व शैली में टीम संरेखण और लगातार सीखने पर जोर है। वह कहते हैं, "स्टेकहोल्डर्स से संवाद, टीम का संरेखण और सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।"
ज्योति मल्होत्रा ने न केवल वोल्वो कार इंडिया (Volvo Car India) को बदल दिया है बल्कि भारत को स्थायी ऑटोमोटिव भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। उनका नेतृत्व साबित करता है कि साहसी नेतृत्व स्थायी परिवर्तन लाता है।