एफएमसीजी प्रमुख डाबर इंडिया ने अपने भविष्य के लिए एक नई और स्पष्ट रणनीति पेश की है, जिसमें कोर ब्रांड्स को मज़बूत करने के साथ-साथ प्रीमियमाइजेशन, कैटेगरी मॉडर्नाइजेशन और आक्रामक मर्जर व एक्विज़िशन (M&A) को ग्रोथ के प्रमुख स्तंभ बनाया गया है। कंपनी का लक्ष्य FY28 तक टॉपलाइन और बॉटमलाइन—दोनों में डबल डिजिट CAGR हासिल करना है।
एंटरप्रेन्योर इंडिया को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में डाबर इंडिया लिमिटेड के CEO मोहित मल्होत्रा ने कहा,
“हम FY28 तक सस्टेनेबल डबल डिजिट ग्रोथ का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इसके साथ ही हम GTM 2.0 के ज़रिये शहरी और ग्रामीण भारत में विस्तार को और प्रभावी बना रहे हैं।”
कंपनी अपने प्रमुख ब्रांड्स में बड़े स्तर पर निवेश कर उनकी पहुंच और मार्केट शेयर बढ़ाने पर फोकस करेगी। हेल्थ और वेलनेस सेगमेंट में भी डाबर बड़े दांव खेलने की तैयारी में है। मल्होत्रा के अनुसार, हाजमोला फ्रैंचाइज़ी, हेल्थ जूस और शिलाजीत जैसे प्रोडक्ट्स को तेज़ी से स्केल किया जाएगा। साथ ही, गट हेल्थ, हार्ट हेल्थ, स्ट्रेस और लाइफस्टाइल मैनेजमेंट जैसी उभरती ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए नए प्रोडक्ट्स लॉन्च किए जाएंगे।
FY26 के लिए कंपनी को लो-टू-मिड सिंगल डिजिट वॉल्यूम ग्रोथ और मिड-टू-हाई सिंगल डिजिट वैल्यू ग्रोथ की उम्मीद है, जबकि साल के बाकी हिस्से में हाई सिंगल डिजिट ग्रोथ का अनुमान है।
GST 2.0 से मांग को मिलेगा सहारा
22 सितंबर से लागू हुए GST 2.0 सुधारों से डाबर की कई प्रमुख कैटेगरी—जैसे ओरल केयर, जूस, हेयर ऑयल, शैम्पू, डाइजेस्टिव्स, OTC और क्यूलिनरी—को फायदा हुआ है। ये कैटेगरी भारत में कंपनी के लगभग 60% बिज़नेस का प्रतिनिधित्व करती हैं। अब डाबर के करीब 85% पोर्टफोलियो पर 5% GST लागू है।
मल्होत्रा ने कहा,“हमने GST दरों में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया है। कीमतों में कमी से अफोर्डेबिलिटी बढ़ेगी और शहरी व ग्रामीण दोनों बाज़ारों में मांग को मजबूती मिलेगी।”
जीएसटी GST) से प्रभावित न होने वाले ब्रांड्स का परफॉरमेंस भी मजबूत रहा है और सितंबर व FY26 की दूसरी तिमाही में रिटेल ऑफटेक्स स्थिर बने रहे, जिससे कंपनी 90% से अधिक पोर्टफोलियो में मार्केट शेयर बनाए रखने में सफल रही।
प्रीमियमाइजेशन और इनोवेशन पर ज़ोर
डाबर के अनुसार, प्रीमियमाइजेशन सिर्फ कीमत बढ़ाने की रणनीति नहीं, बल्कि उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाने का एक बहुआयामी प्रयास है। पोस्ट-कोविड दौर में उपभोक्ता ज्यादा जागरूक हो गए हैं और हेल्थ, लाइफस्टाइल व क्वालिटी पर ज़ोर दे रहे हैं।
कंपनी हेयर केयर में सीरम, कंडीशनर और मास्क जैसे प्रीमियम फॉर्मैट्स ला रही है। हेल्थकेयर में गमीज़ जैसे मॉडर्न प्रोडक्ट्स और बेवरेज सेगमेंट में फंक्शनल व फोर्टिफाइड ड्रिंक्स पर भी काम किया जा रहा है।
ई-कॉमर्स को डाबर ने ‘इननोवेशन क्रैडल’ बताया है, जहां नए प्रोडक्ट्स और फॉर्मैट्स पहले लॉन्च किए जाएंगे और फिर अन्य चैनलों में विस्तार किया जाएगा।
M&A और वैश्विक विस्तार
एक्विज़िशन डाबर की भविष्य की ग्रोथ रणनीति का अहम हिस्सा है। कंपनी ने हाल ही में ‘डाबर वेंचर्स’ की घोषणा की है, जिसके तहत ₹500 करोड़ तक का निवेश नए दौर के डिजिटल-फर्स्ट ब्रांड्स में किया जाएगा। यह निवेश पर्सनल केयर, हेल्थकेयर, वेलनेस फूड्स, बेवरेजेज़ और आयुर्वेद से जुड़े स्टार्टअप्स पर केंद्रित होगा।
डाबर की हालिया डील्स में अक्टूबर 2024 में सेसा केयर में मेजोरिटी स्टेक और जनवरी 2023 में बादशाह मसाला में 51% हिस्सेदारी शामिल है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी डाबर का प्रदर्शन मजबूत रहा है। FY26 की दूसरी तिमाही में कंपनी का इंटरनेशनल बिज़नेस 7.7% बढ़ा, जिसमें दुबई, यूके, बांग्लादेश, अमेरिका और तुर्की जैसे बाज़ारों का अहम योगदान रहा।
मल्होत्रा ने कहा,“हमारा विज़न है कि डाबर के भरोसेमंद नेचुरल और हर्बल प्रोडक्ट्स दुनियाभर के उपभोक्ताओं तक पहुंचें। इनोवेशन, प्रीमियमाइजेशन और सस्टेनेबिलिटी के साथ हम विदेशी बाज़ारों में अपनी मौजूदगी और मज़बूत करेंगे।”
कुल मिलाकर, डाबर इंडिया की नई रणनीति कंपनी को भविष्य के उपभोक्ता रुझानों के अनुरूप तैयार करने और घरेलू व वैश्विक—दोनों स्तरों पर ग्रोथ को तेज़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।