दिल्ली के सभी स्कूलों में दी जाएगी डिजास्टर मैनेजमेंट की ट्रेनिंग, 5500 स्कूलों में मॉक ड्रिल का लक्ष्य

दिल्ली के सभी स्कूलों में दी जाएगी डिजास्टर मैनेजमेंट की ट्रेनिंग, 5500 स्कूलों में मॉक ड्रिल का लक्ष्य

दिल्ली के सभी स्कूलों में दी जाएगी डिजास्टर मैनेजमेंट की ट्रेनिंग, 5500 स्कूलों में मॉक ड्रिल का लक्ष्य
पहले चरण में 2,000 से अधिक सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में दो दिवसीय प्रशिक्षण और मॉक ड्रिल आयोजित की जाएंगी।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और दिल्ली सरकार ने 'डिजास्टर रेडी स्कूल्स कैंपेन' शुरू किया है, जो स्कूलों को आपदाओं से लड़ने के लिए तैयार करेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उपराज्यपाल विनय सक्सेना और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने स्प्रिंगडेल्स स्कूल (पूसा रोड) से उद्घाटन किया।

बता दें कि इस दौरान छात्रों ने भूकंप सुरक्षा, ड्रॉप-कवर-होल्ड तकनीक और अन्य आपदा प्रबंधन अभ्यास का प्रदर्शन किया इसी दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस पहल को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि "दिल्ली सिस्मिक जोन-4 में स्थित है, जहां भूकंप, आग, हीट वेव और जलभराव जैसे जोखिम भरी चुनौतियां आती रहती हैं। उन्होंने आगे कहा कि "यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जीरो कैजुअल्टी विजन’ और उनके वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त 10 पॉइंट एजेंडा पर आधारित है, जिसमें समुदाय-आधारित लचीलापन, तकनीकी आधारित चेतावनी तंत्र और संस्थागत आपदा तैयारी प्रमुख हैं।

साथ ही उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि "राजधानी के सभी 5,500 विद्यालयों में सेफ्टी ऑडिट के माध्यम से इस योजना को लागू किया जाएगा।"  इस कार्यक्रम के दौरान ही वो. के सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को धन्यवाद देते हुए कहा कि "उनकी पहल के चलते यह कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में तेजी से शुरू हो सका।"

'डिजास्टर रेडी स्कूल्स कैंपेन' कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छात्रों को इस अभियान का‘ब्रांड एंबेसडर’ बताते हुए कहा कि "जिस तरह बच्चों ने स्वच्छता अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उसी प्रकार वह अब परिवार और समाज को आपदा सुरक्षा की संस्कृति अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि "भूकंप जैसी आकस्मिक स्थिति में ‘ड्रॉप, कवर और होल्ड’ तकनीक तथा त्वरित निर्णय क्षमता अत्यंत जरूरी है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि "सुरक्षा को दैनिक आदत और तैयारी को निरंतर अभ्यास का हिस्सा बनाना होगा, ताकि दिल्ली सुरक्षित और आपदा-तत्पर शहर के रूप में उभर सके।

इसी दौरान कार्यक्रम में मौजूद कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने इस कार्यक्रम को 'दिल्ली व देश के लिए ऐतिहासिक शुरुआत' बताते हुए कहा कि "जिस तरह दिल्ली इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कैपिटल बनने की दिशा में अग्रसर है, उसी तरह अब 'डिज़ास्टर रेडी कैपिटल' बनने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।" उन्होंने आगे बताया कि "छह शैक्षिक जिलों में लाखों छात्र, शिक्षक, वॉलंटियर्स, फायर सर्विस, सिविल डिफेंस और आपदा मित्र इस अभियान को सफल बनाने में जुटे हैं। साथ ही सरकार का लक्ष्य न केवल ‘स्मार्ट स्कूल’ बल्कि ‘सेफ स्कूल’ विकसित करना है।

इस अभियान की मुख्य विशेषताएं

यह अभियान व्यापक योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जीरो कैजुअल्टी’ विजन पर आधारित है। पहले चरण में नई दिल्ली, मध्य दिल्ली, उत्तर-पूर्व 1, उत्तर-पूर्व 2, पश्चिम-ए और पश्चिम-बी जिलों के 2,082 स्कूलों में दो-दिवसीय मॉड्यूल लागू किया जा रहा है और इसके बाद बचे 3,500 स्कूलों को भी जोड़ा जाएगा।

प्रत्येक स्कूल में मानकीकृत स्कूल डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार होगा, शिक्षकों-छात्रों को प्रशिक्षण मिलेगा और नियमित मॉक ड्रिल सुनिश्चित की जाएंगी।

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities