हैदराबाद और भुवनेश्वर आधारित डीप टेक बायोटेक स्टार्टअप एलमेंटोज़ रिसर्च (Elmentoz Research) प्रा. लि. ने भारत और नॉर्वे के एंजल निवेशकों से अपनी पहली सीड फंडिंग राउंड में 4.5 मिलियन डॉलर जुटाए। कंपनी स्मार्ट फीड और वैकल्पिक प्रोटीन समाधान के विकास पर काम कर रही है, जो पशु पोषण के लिए फायदेमंद होंगे।
इस फंड का उपयोग बीएसएफ आधारित स्मार्ट प्रोटीन फैसलिटी स्थापित करने, ELGROW और ELTIDE उत्पाद लाइनों का विस्तार करने, एंटीमाइक्रोबियल पेप्टाइड रिसर्च को आगे बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां बनाने और रिसर्च, मैन्युफैक्चरिंग व कमर्शियल टीम को मजबूत करने में किया जाएगा। यह फैसलिटी लगभग 2,000 मीट्रिक टन प्रति माह औद्योगिक बाईप्रोडक्ट्स की प्रोसेसिंग क्षमता के साथ जनवरी 2026 से ऑपरेशन शुरू करेगी। एलमेंटोज़ का लक्ष्य पशु आहार में आयातित फंक्शनल फीड एडिटिव्स पर निर्भरता कम करना और बायोसिक्योरिटी तथा एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से जुड़े मुद्दों को हल करना है।
वहीं, सेलरिम लैब्स, जो ब्यूटी और पर्सनल केयर इंग्रेडिएंट्स के लिए सेल-फ्री बायोमैन्युफैक्चरिंग पर काम करती है, ने 6 करोड़ रुपये की सीड फंडिंग जुटाई। निवेश में 3i पार्टनर्स और वेंचर कैटालिस्ट्स ने को-लीड किया, जबकि मोमेंटम कैपिटल, जशन भुमकर, गायत्री कुप्पेन्द्र रेड्डी और अन्य निवेशकों ने भी भाग लिया।
सेलरिम लैब्स इस फंड का उपयोग पायलट स्केल बायोमैन्युफैक्चरिंग फैसलिटी स्थापित करने और अपने पहले इंग्रेडिएंट पोर्टफोलियो NeuHyal™ के वाणिज्यिक उत्पादन को तेज़ करने में करेगी। कंपनी का लक्ष्य ब्यूटी और कॉस्मेटिक ब्रांड्स के लिए B2B इंग्रेडिएंट सप्लाई का विस्तार करना है।
2023 में हिटेश रफालिया और नीसा मेहरिन द्वारा स्थापित सेलरिम लैब्स ने एंजाइम आधारित सेल-फ्री मैन्युफैक्चरिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो पारंपरिक फर्मेंटेशन और केमिकल सिंथेसिस प्रक्रिया को बदलने में सक्षम है। प्लेटफॉर्म रिन्यूएबल बायो वेस्ट को कॉस्मेटिक इंग्रेडिएंट्स में बदलता है, जिससे गुणवत्ता स्थिर रहती है।
कंपनी एक AI-ड्रिवन बायोफाउंड्री भी बना रही है, जिससे ब्रांड्स लक्षित मॉलिक्यूल्स के डिजाइन, टेस्टिंग और उत्पादन के लिए प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकेंगे। सेलरिम लैब्स ने NeuHyal™ का हायलुरोनिक एसिड पोर्टफोलियो लॉन्च किया है, जिसका लक्ष्य ग्लोबल हायलुरोनिक एसिड मार्केट (लगभग 9 बिलियन डॉलर) है।