इंडिया एक्सेलरेटर ने सऊदी अरब में अपने विस्तार की घोषणा की है, जिसके तहत भारतीय स्टार्टअप्स को वहां प्रवेश करने और विस्तार करने में सहायता देने के लिए 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड आवंटित किया गया है।
इस पहल को सऊदी अरब के ‘राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विकास’ कार्यक्रम द्वारा इसके एम्पावरिंग एक्सेलरेटर उत्पाद के माध्यम से समर्थन प्राप्त है, जो एक मजबूत प्रौद्योगिकी संचालित अर्थव्यवस्था के लिए देश के विजन 2030 लक्ष्यों के अनुरूप है। बता दें कि यह एक्सेलरेटर एआई, सस्टेनेबिलिटी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, प्रॉपटेक और डीपटेक क्षेत्रों में स्टार्टअप्स पर ध्यान केंद्रित करेगा। चयनित स्टार्टअप्स को पूंजीगत सहायता, नियामक मार्गदर्शन, साझेदारी के अवसर और स्थानीय निवेशकों से संपर्क प्राप्त होंगे।
पहले बैच की शुरुआत मार्च 2026 में होने वाली है और इसमें 8 से 10 उच्च क्षमता वाले स्टार्टअप शामिल होंगे। आवेदन 8 दिसंबर 2025 को शुरू हुए और 28 फरवरी 2026 तक खुले रहेंगे।
इंडिया एक्सेलरेटर के फाउंडर आशीष भाटिया ने कहा "सऊदी अरब दुनिया के सबसे प्रगतिशील नवाचार बाजारों में से एक के रूप में उभर रहा है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम के साथ इस साझेदारी के माध्यम से हमारा लक्ष्य भारतीय स्टार्टअप्स को सऊदी अरब में विस्तार के लिए एक विश्वसनीय और सुनियोजित मार्ग प्रदान करना है। यह सहयोग सीमा पार विस्तार को सक्षम बनाने और वैश्विक नवाचार इकोसिस्टम के साथ सार्थक संबंध स्थापित करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।"
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम के सीईओ इब्राहिम नेयाज़ ने कहा "सऊदी अरब और भारत दो उन्नत स्टार्टअप इकोसिस्टम के केंद्र हैं। इंडिया एक्सेलेरेटर के साथ हमारी साझेदारी के माध्यम से, हम नए रास्ते खोल रहे हैं जो भारतीय उद्यमियों को सऊदी भागीदारों के साथ सहयोग करने, सऊदी अरब के विकसित होते प्रौद्योगिकी और निवेश परिदृश्य का लाभ उठाने और इसकी डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाएंगे।"
अत: इस सहयोग से खाड़ी क्षेत्र में जुड़ाव मजबूत होने और इंडिया एक्सेलेरेटर की वैश्विक उपस्थिति का विस्तार होने की उम्मीद है।