भारत के फूड डिलीवरी परिदृश्य को नया रूप देने वाले एक कदम के तहत मैजिकपिन ने रैपिडो के साथ मिलकर Ownly के विकास को गति दी है, जो रैपिडो का हाल ही में लॉन्च किया गया फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म है। इस साझेदारी से दोनों कंपनियां सेक्टर की अग्रणी कंपनियों ज़ोमैटो और स्विगी के लंबे समय से चले आ रहे प्रभुत्व को कम करने में सक्षम होंगी।
इस सहयोग के तहत, मैजिकपिन अपने देशव्यापी रेस्टोरेंट नेटवर्क को Ownly से जोड़ेगा, जिससे ऑनबोर्डिंग पूरी होने के बाद रैपिडो को भारत भर के 80,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट तक तुरंत पहुंच मिल जाएगी।
इस एकीकरण से रैपिडो के बेंगलुरु से आगे विस्तार में तेजी आने की उम्मीद है, जहां Ownly ने अगस्त में अपनी शुरुआत की थी। बदले में, मैजिकपिन चुनिंदा बाजारों में रैपिडो के डिलीवरी बेड़े का लाभ उठाकर अपनी सेवा क्षमताओं को मजबूत कर सकेगा।
रैपिडो के एक प्रवक्ता ने पीटीआई को बताया कि कंपनी की मर्चेंट एक्विजिशन टीम ज्यादातर भाग लेने वाले रेस्टोरेंट्स को सीधे तौर पर अपने साथ जोड़ रही है, और मैजिकपिन जैसे पार्टनर्स लिस्टिंग में थोड़ी हिस्सेदारी निभा रहे हैं। रैपिडो पहले से ही मैजिकपिन और कई अन्य प्लेटफॉर्म्स के साथ कई शहरों में लॉजिस्टिक्स प्रदाता के रूप में काम कर रहा है और अपने कैप्टन नेटवर्क के जरिए लास्ट-माइल डिलीवरी की सुविधा प्रदान कर रहा है।
कंपनी ने मर्चेंट्स के लिए विश्वसनीय और किफायती एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है, साथ ही राइडर्स और ग्राहकों, दोनों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित किया है, हालांकि यह साझेदारी एक बेहद समेकित बाजार में वास्तविक प्रतिस्पर्धा शुरू करने का अवसर प्रदान करती है, विश्लेषक आगाह करते हैं कि आगे की राह आसान नहीं है। फूड डिलीवरी एक फेमस कम-मार्जिन वाला व्यवसाय बना हुआ है, जहां मुनाफा राइडर भुगतान, डिलीवरी लागत और ग्राहक प्रोत्साहन के बीच एक नाजुक संतुलन पर निर्भर करता है।
विश्लेषकों का तर्क है कि इस गठबंधन को उन रेस्टोरेंट के साथ संबंधों को गहरा करना होगा, जिनमें से कई पहले से ही कई प्लेटफॉर्म पर फैले हुए हैं, साथ ही ऐसे बाजार में ब्रांड विश्वास का निर्माण करना होगा जहां ज़ोमैटो और स्विगी की मजबूत वफादारी है।
उद्योग के जानकारों का कहना है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा इस इकोसिस्टम के लिए फायदेमंद है, जिससे उपभोक्ताओं और रेस्टोरेंट पार्टनर्स, दोनों के लिए बेहतर आर्थिक स्थिति और ज्यादा विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं। उन्होंने इस असामान्य पहलू पर भी ध्यान दिया कि ज़ोमैटो के पास मैजिकपिन में लगभग 15% हिस्सेदारी है, जबकि मैजिकपिन मौजूदा प्रतिस्पर्धियों को चुनौती देने के लिए रैपिडो के साथ सहयोग कर रहा है।
वहीं सितंबर में स्विगी के बोर्ड ने रैपिडो की मूल कंपनी, रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज में अपनी हिस्सेदारी लगभग ₹2,400 करोड़ में बेचने को मंजूरी दे दी थी। यह फैसला स्विगी की जुलाई की उस घोषणा के बाद आया है जिसमें उसने कहा था कि वह बढ़ते हितों के टकराव के कारण अपने निवेश का पुनर्मूल्यांकन कर रही है, क्योंकि रैपिडो फूड डिलीवरी के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। अत: मैजिकपिन रैपिडो सहयोग के गति पकड़ने के साथ भारत का फूड डिस्ट्रीब्यूशन द्वि-अधिकार अब तक के सबसे गंभीर परीक्षण से गुजर सकता है।