भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। सरकार के प्रोत्साहन, बढ़ती पर्यावरणीय जागरूकता और तकनीकी प्रगति ने देश को हरित परिवहन की दिशा में आगे बढ़ाया है। लेकिन इस परिवर्तन को सशक्त बनाने में सबसे अहम भूमिका निभा रही है ईवी फाइनेंसिंग । यह केवल एक वित्तीय व्यवस्था नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को आम लोगों और व्यवसायों के लिए सुलभ बना रही है।
ईवी फाइनेंसिंग का अर्थ है इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए बैंकों, एनबीएफसी (NBFCs) और फिनटेक कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले विशेष लोन या ऋण की सुविधा। पारंपरिक वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआती लागत अधिक होती है, क्योंकि बैटरी की कीमतें अभी भी ऊंची हैं। इस कारण, फाइनेंसिंग विकल्प ग्राहकों को आसानी से किस्तों में भुगतान करने की सुविधा प्रदान करते हैं। सरकार भी इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए FAME-II जैसी योजनाओं के तहत सब्सिडी और टैक्स में राहत दे रही है, जिससे ईवी फाइनेंसिंग को और बढ़ावा मिले।
उषा फाइनेंशियल की सीईओ गीता गोस्वामी ने कहा “इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि यह भारत की सस्टेनेबल और समावेशी विकास की यात्रा का एक ऐतिहासिक मोड़ है। जैसे-जैसे देश स्वच्छ और हरित परिवहन की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लोगों को सुलभ और कस्टमाइज्ड फाइनेंसिंग समाधान उपलब्ध कराना बहुत जरूरी हो गया है। यही कदम शहरों से लेकर गांवों तक ईवी अपनाने को बढ़ावा देगा।”
उन्होंने आगे कहा, “ईवी फाइनेंसिंग एक सशक्त माध्यम के रूप में उभर रहा है, जो लोगों की आकांक्षाओं और उनकी आर्थिक पहुंच के बीच की दूरी को कम कर रही है। अगर वित्तीय संस्थान इनोवेशन और ग्रीन फाइनेंस के सिद्धांतों को अपनाएं, तो वे आम नागरिकों, उद्यमियों और व्यवसायों को स्वच्छ परिवहन की इस मुहिम में सक्रिय रूप से जोड़ सकते हैं।”
गीता गोस्वामी ने यह भी बताया कि यह परिवर्तन सरकार, वित्तीय संस्थानों और टेक्नोलॉजी कंपनियों के बीच सहयोग के लिए नए अवसर लेकर आया है। मिलकर ऐसा मजबूत इकोसिस्टम बनाया जा सकता है जो सिर्फ ईवी खरीदने में ही नहीं, बल्कि उसके निर्माण, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन तक को मजबूत बनाए।
उन्होंने कहा, “भारत में भविष्य की मोबिलिटी इस बात पर निर्भर करेगी कि हम सस्टेनेबिलिटी को कितना व्यावहारिक और लाभदायक बना पाते हैं। जब फाइनेंसिंग जिम्मेदारी और समावेशिता के साथ की जाएगी, तब यही शक्ति भारत को एक हरित, स्मार्ट और सशक्त भविष्य की ओर ले जाएगी।”
कॉमर्शियल ईवी और नई फाइनेंसिंग इनोवेशन
ईवी फाइनेंसिंग की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे एक और बड़ा कारण कमर्शियल उपयोग है। कई लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी कंपनियां जैसे Zomato, Swiggy, और Amazon अपने वाहनों को इलेक्ट्रिक में परिवर्तित कर रही हैं। इससे न केवल संचालन लागत घटती है बल्कि कंपनियों को ‘ग्रीन ब्रांड’ की पहचान भी मिलती है। इसके अलावा, सरकारी और निजी संस्थान भी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में निवेश कर रहे हैं, जिससे ईवी अपनाने की प्रक्रिया और सुगम हो रही है।
ब्लूम वेंचर्स के एवीपी–इन्वेस्टमेंट यश जैन ने कहा “भारत में मोबिलिटी का विद्युतीकरण (Electrification of Mobility) हमारे क्लाइमेट लक्ष्यों और ऊर्जा सुरक्षा के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। परिवहन क्षेत्र देश के कुल CO₂ उत्सर्जन में करीब 10% योगदान देता है और हमारी आयातित तेल खपत का पांचवां हिस्सा इसी क्षेत्र में होता है। ऐसे में जब भारत 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है, तो इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) केवल एक ‘लाइफस्टाइल चॉइस’ नहीं, बल्कि एक इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति हैं।”
उन्होंने कहा, “हम इस सफर की अभी शुरुआत में ही हैं। आज भारत में कुल नए वाहनों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ लगभग 6% है, और इसका नेतृत्व मुख्यतः कॉमर्शियल फ्लीट्स कर रही हैं, जहां ईवी चलाने की कुल लागत पहले से ही लाभदायक साबित हो रही है। अब अगला चरण दो चीज़ों पर निर्भर करेगा सस्ती कीमत (affordability) और गुणवत्ता (quality)। सिर्फ तकनीक से यह अंतर नहीं भर पाएगा। इसके लिए फाइनेंशियल इनोवेशन (financial innovation) जरूरी होगा।”
यश जैन ने आगे कहा, “बैटरी-एज़-अ-सर्विस, स्वैप मॉडल, और कैश-फ्लो आधारित लोनिंग जैसी नई फाइनेंसिंग विधाएं ईवी को सुलभ बना रही हैं। लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब हम एसेट रिस्क और बॉरोअर रिस्क को अलग-अलग संभाल पाएंगे। इसके लिए डेटा आधारित लोन अप्रूवल, वाहन की सक्रिय मॉनिटरिंग, और ईवी व बैटरी के लिए भरोसेमंद सेकेंडरी मार्केट की जरूरत होगी।”
उन्होंने यह भी कहा, “जैसे-जैसे बैटरी की कीमतें घटेंगी और प्रोडक्ट की क्वालिटी बढ़ेगी, वैसे-वैसे फाइनेंसिंग ही वह उत्प्रेरक (catalyst) बनेगी जो इस सेक्टर को विस्तार देगी। ब्लूम वेंचर्स में हमें अपने पोर्टफोलियो से इस बदलाव के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं। बैटरी स्मार्ट स्वैप इंफ्रास्ट्रक्चर बना रही है, Euler Motors भरोसेमंद कॉमर्शियल ईवी उपलब्ध करा रही है, और Vecmocon भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप मजबूत कंपोनेंट्स तैयार कर रही है। ये सभी मिलकर भारत में एक मजबूत, निवेशयोग्य और टिकाऊ ईवी इकोसिस्टम के उभरने का संकेत दे रहे हैं।”
भारत में कई सफल ईवी फाइनेंसिंग साझेदारियाँ सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, एमजी मोटर और एक्सिस बैंक ने मिलकर एक नया ईवी फाइनेंस मॉडल पेश किया है, जिसमें वाहन और बैटरी के लिए अलग-अलग लोन की सुविधा मिलेगी। इस पहल से ईवी की शुरुआती लागत कम होगी और ग्राहकों को 8 साल तक बैटरी लोन का विकल्प मिलेगा।
एमजी मोटर ने BaaS मॉडल की शुरुआत सितंबर 2024 में की थी ताकि ईवी की ऊंची शुरुआती कीमतों को कम किया जा सके। कंपनी और एक्सिस बैंक 2019 से विभिन्न फाइनेंसिंग सॉल्यूशंस में साझेदारी कर रही हैं।
वहीं, ग्लोबल इलेक्ट्रिक वाहन ब्रांड विनफास्ट ऑटो इंडिया ने देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के तहत विनफास्ट अपने एक्सक्लूसिव डीलर नेटवर्क के माध्यम से ग्राहकों को कार फाइनेंसिंग की आसान सुविधा प्रदान करेगी। यह कदम कंपनी के भारत में जल्द होने वाले लॉन्च से पहले ग्राहकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
इस समझौते के तहत ग्राहकों को कई आकर्षक फाइनेंसिंग विकल्प मिलेंगे जैसे कम ब्याज दरें, लचीली ईएमआई योजनाएं, ऑन-रोड कीमत का 100% तक फंडिंग, विशेष ऑफर और प्राथमिकता वाली सेवाएं। विनफास्ट के सभी शोरूम में एसबीआई के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे, जो ग्राहकों को मौके पर ही लोन और अन्य वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएंगे। इससे ईवी खरीदने की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।
विनफास्ट इस साझेदारी के जरिए एसबीआई के करीब 23,000 शाखाओं के विशाल नेटवर्क का लाभ उठाएगा। इससे कंपनी शहरी इलाकों के साथ-साथ छोटे शहरों और उभरते बाजारों तक भी अपनी पहुंच बना सकेगी। यह साझेदारी भारत में सस्टेनेबल (ग्रीन) परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। विनफास्ट का लक्ष्य भारत जैसे तेजी से बढ़ते ईवी बाजार में ग्राहकों को न केवल हाई क्वालिटी वाले इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें सुलभ फाइनेंसिंग के माध्यम से हरित परिवहन अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है।
फाइनेंसिंग से आत्मनिर्भरता की ओर
एक्सेलेरेटेड मनी फॉर यू (AMU) की फाउंडर और एमडी नेहल गुप्ता ने कहा “भारत में मोबिलिटी का भविष्य पूरी तरह इलेक्ट्रिक है, और इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में फाइनेंसिंग की भूमिका सबसे अहम होगी। हालांकि ईवी सेक्टर ने मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है, लेकिन अभी भी आम लोगों तक इसकी पहुंच के लिए सस्ती और लचीली फाइनेंसिंग की जरूरत सबसे ज़्यादा महसूस की जा रही है।”
उन्होंने कहा, “AMU में हमारा मानना है कि ईवी फाइनेंसिंग सिर्फ क्रेडिट देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भरोसा देने का माध्यम है। जब उपभोक्ता और व्यवसाय टिकाऊ परिवहन (sustainable mobility) की ओर बढ़ रहे हैं, तो उन्हें ऐसे वित्तीय साझेदारों की जरूरत है जो एसेट वैल्यू में बदलाव, तकनीकी उन्नति और वाहन के पूरे लाइफ साइकिल की अर्थव्यवस्था को समझते हों। इसके लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसमें डेटा-आधारित लोन प्रोसेसिंग, रिस्क मैनेजमेंट में इनोवेशन, और ओईएम, एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियों के बीच गहरा सहयोग शामिल हो।”
नेहल गुप्ता ने आगे कहा, “अगर हम तकनीक और भरोसे के बीच की दूरी को कम कर पाते हैं, तो ईवी इंडस्ट्री एक ऐसा मजबूत इकोसिस्टम बना सकती है जो ग्रीन ट्रांजिशन (हरित परिवर्तन) को सपोर्ट दे। पर्यावरणीय लाभों से परे, ईवी फाइनेंसिंग में लोगों की आजीविका बढ़ाने, छोटे फ्लीट मालिकों को सहयोग देने, और स्वच्छ परिवहन को सबके लिए सुलभ बनाने की क्षमता है।”
अंत में उन्होंने कहा, “अगर सही वित्तीय ढांचा, नीतिगत सपोर्ट, और उद्योग के बीच मजबूत साझेदारी बने, तो ईवी फाइनेंसिंग सिर्फ वाहनों को नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक प्रगति को भी आगे बढ़ाएगी। यह भारत की यात्रा को स्वच्छ, स्मार्ट और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर और तेज गति देगी।”
निष्कर्ष
भारत में ईवी फाइनेंसिंग सिर्फ एक आर्थिक सुविधा नहीं, बल्कि एक बड़े परिवर्तन की नींव है। यह न केवल लोगों को स्वच्छ और सस्ती मोबिलिटी अपनाने का अवसर दे रही है, बल्कि देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण और हरित विकास की दिशा में आगे बढ़ा रही है। आने वाले वर्षों में जैसे-जैसे तकनीक सस्ती और फाइनेंसिंग विकल्प लचीले होंगे, ईवी फाइनेंसिंग भारत की हर सड़क पर एक हरित और स्मार्ट भविष्य की कहानी लिखेगी।