‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ से कैसे मिला व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा, आइए विस्तार से जाने

‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ से कैसे मिला व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा, आइए विस्तार से जाने

‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ से कैसे मिला व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा, आइए विस्तार से जाने
शिक्षा क्रांति के इस दौर में बुनियादी शिक्षा के साथ- साथ आज व्यवसायिक शिक्षा का महत्व भी बहुत बढ़ गया है, क्योंकि भारत में आज भी विशाल संख्या में ऐसे लोग मौजूद हैं जो शिक्षित होने के बावजूद भी रोजगार के लिए बहुत संघर्ष कर रहे हैं।

नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया, जिसके माध्यम से स्कूलों में जरूरी व्यावसायिक व रोजगार-संबंधी शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं स्कूली पाठ्यक्रमों और व्यावहारिक पाठों के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा छात्रों को अच्छी नौकरियों के लिए विशिष्ट कौशल भी सिखाएगी है।

NEP 2020 व्यावसायिक शिक्षा के महत्व और सामान्य शिक्षा के साथ इसके एकीकरण को मान्यता देती है। कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने इस क्षेत्र में कई पहल की हैं, जैसे इंटर्नशिप, बैगलेस डे, व्यावसायिक कौशल का अधिक प्रदर्शन, आदि।
NEP के द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के लिए कई नए मॉडल डिजाइन किए गए हैं ताकि इसे अधिक लचीला, सुलभ, प्रासंगिक, समावेशी और रचनात्मक बनाया जा सके।

NEP 2020 व्यावसायिक शिक्षा पर किस तरह है केंद्रित  
NEP 2020 शिक्षा के ढांचे नियमन और प्रशासन सहित सभी पहलुओं में व्यापक संशोधन और सुधार का प्रस्ताव करती है। NEP 2020 का मुख्य ध्यान व्यावसायिक शिक्षा पर है और नीति के अनुसार, साल 2025-2026 के अंत तक कम से कम 50% -70% हाई स्कूल के छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा से परिचित कराया जाएगा। 

NEP 2020 व्यावसायिक शिक्षा का उद्देश्य है
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े सामाजिक पदानुक्रम पर काबू पाना, गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक शिक्षा को चरणबद्ध तरीके से सामान्य शिक्षा के साथ एकीकृत करना, कम उम्र में ही व्यावसायिक अनुभव प्रदान करना, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को पॉलिटेक्निक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), स्थानीय उद्योगों आदि के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना, ताकि छात्रों को कार्यस्थल पर अनुभव और प्रशिक्षण मिल सके। 

NEP के तहत व्यावसायिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदम निम्नलिखित हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा निर्धारित सभी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु मौजूदा समग्र शिक्षा योजना में सुधार किया गया है। इस संशोधित संस्करण में भारत में व्यावसायिक शिक्षा से संबंधित नए प्रावधान शामिल हैं, जैसे कि-

1. विस्तारित कवरेज: व्यावसायिक शिक्षा में अब सरकारी स्कूलों के अतिरिक्त सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल भी शामिल हैं।
2. व्यावहारिक शिक्षा: इंटर्नशिप, बैगलेस डेज और अन्य इंटरैक्टिव अनुभव अब समग्र शिक्षा के अंतर्गत नवाचार घटक का हिस्सा हैं, ताकि शिक्षा को और अधिक आकर्षक बनाया जा सके।
3. रोजगार कौशल मॉड्यूल: अब व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसमें निम्नलिखित आवश्यक कौशल शामिल हैं, जैसे कि संचार कौशल, आत्म-प्रबंधन कौशल, आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) कौशल, उद्यमिता कौशल आदि
4. हब और स्पोक मॉडल: स्पोक स्कूलों (निकटवर्ती स्कूलों) के छात्र हब स्कूलों में उपलब्ध व्यावसायिक प्रशिक्षण सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकता है।

आज हमें व्यावसायिक शिक्षा की आवश्यकता क्यों है?
वर्तमान में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली को बढ़ावा देने और उन्नत बनाने की आवश्यकता है क्योंकि यह असंगठित, खंडित और गुणवत्ताहीन है। कार्यबल की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल-आधारित शिक्षा आवश्यक है। सही प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण और शिक्षा से हमारे देश के युवा प्रगति कर सकते हैं और बेहतर नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं, जिससे भारत की आर्थिक वृद्धि और विकास को गति मिलेगी। इसलिए NEP का उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा मानदंडों और संरचना में सुधार करना है, ताकि वे बदलती पर्यावरणीय और औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप हों।

भारत में व्यावसायिक शिक्षा के उद्देश्य
• स्व-रोजगार के अवसर सृजित करना: व्यावसायिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य भारत के युवाओं को स्व-रोजगार के लिए कौशल से लैस करके बेरोजगारी को कम करना है।

• सामाजिक कल्याण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग: समाज को लाभ पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान के व्यावहारिक उपयोग को प्रोत्साहित करता है।

• आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: भारत में व्यावसायिक शिक्षा उत्पादकता बढ़ाने और भारतीय नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने पर केंद्रित है।

• कुशल कार्यबल को प्रशिक्षण: युवाओं को कुशल तकनीशियन के रूप में प्रशिक्षित करना, यह सुनिश्चित करना कि आर्थिक प्रगति सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए समान रूप से वितरित हो।

• औद्योगिक विकास को समझना: युवाओं को औद्योगिक विकास के वैज्ञानिक और तकनीकी पहलुओं को समझने में मदद करता है।• समान अवसर सुनिश्चित करना: महिलाओं, ग्रामीण और आदिवासी छात्रों तथा हाशिए पर पड़े समुदायों को सहायता प्रदान करने का प्रयास, शिक्षा और कौशल विकास तक समावेशी पहुंच सुनिश्चित करना।



शिक्षा के साथ नई टेक्नोलॉजी का एकीकरण

NEP 2020 कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा के लिए टेक्नोलॉजी के व्यापक और सकारात्मक उपयोग पर जोर देती है। इससे बढ़ती बाजार की मांगों को पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही स्कूली और शिक्षा पाठ्यक्रम में टेक्नोलॉजी को शामिल करने से शिक्षा क्षेत्र में आवश्यक बदलाव और रूपांतरण सुनिश्चित होगा।

वहीं NEP का उद्देश्य भौगोलिक बाधाओं को दूर करना, इंटरैक्टिव डिजिटल सामग्री प्रदान करना, अनुकूली प्रौद्योगिकियों के साथ सीखने को वैयक्तिकृत करना और नवीनतम तकनीकों को अपनाकर भारतीय छात्रों और वैश्विक विशेषज्ञों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना भी है। और साथ ही व्यावसायिक शिक्षा को और अधिक सुगम बनाने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न अनुदान दिए जाते हैं। समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत एक अनावर्ती अनुदान फर्नीचर, कंप्यूटर आदि जैसे औजार और उपकरण खरीदने के लिए है, जिससे स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने में मदद मिलेगी

निष्कर्ष: NEP 2020 में व्यावसायिक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना हमारे देश में एक बेहतर कुशल और सशक्त कार्यबल प्राप्त करने की दिशा में एक शानदार कदम है। व्यावसायिक शिक्षा छात्रों की समग्र शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा, तकनीक और प्रशिक्षण प्रदान करना NEP 2020 के तहत एक बेहतरीन पहल है।

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