सूचना क्रांति के इस दौर में एडवांस टेक्नोलॉजी के माध्यम से एडटेक की पेशकश विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है, जिसमें K-12 शिक्षा, परीक्षा की तैयारी, ऑनलाइन शिक्षा, एडटेक SaaS, कौशल विकास और अन्य शामिल हैं। इनमें से, K-12 शिक्षा सबसे लोकप्रिय उप-क्षेत्र के रूप में उभरी, जो एडटेक में कुल वित्त पोषण के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है।
इंक42 द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार भारतीय एडटेक क्षेत्र ने 2014 और 2024 के बीच संचयी निधि में 11.07 बिलियन डॉलर से अधिक प्राप्त किया है। वहीं इंक42 की भारतीय टेक स्टार्टअप फंडिंग रिपोर्ट 2024 के अनुसार भारतीय एडटेक स्टार्टअप्स ने 2024 में 568 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि जुटाई, जो 2023 में 283 मिलियन डॉलर थी।
जबकि ऑनलाइन प्रमाणन स्टार्टअप्स ने 2024 में 216 मिलियन डॉलर प्राप्त किए, टेस्ट तैयारी उद्यमों ने पिछले साल 212 मिलियन डॉलर का फंड हासिल किया। कुल मिलाकर भारतीय एडटेक स्टार्टअप्स ने पिछले 10 वर्षों में 700 डील्स के माध्यम से 11.2 बिलियन डॉलर से अधिक का वित्तपोषण हासिल किया है।
बड़ा हिस्सा बेंगलुरु जा रहा है
भौगोलिक दृष्टि से, बेंगलुरु एडटेक स्टार्टअप्स का मुख्य केंद्र बना हुआ है। शहर से बाहर स्थित एडटेक स्टार्टअप्स को 2014 से 2024 के बीच 6.9 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ है। वहीं मुंबई देश का दूसरा सबसे ज्यादा वित्त पोषित एडटेक केंद्र है, जिसने पिछले दस वर्षों में 2.6 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया है और अगर देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो दिल्ली-एनसीआर ने पिछले एक दशक में 1.1 अरब डॉलर से ज्यादा जुटाकर तीसरे स्थान पर है।
भारत में एडटेक के तेजी से विस्तार पर अपने विचार साझा करते हुए क्राफ्टशाला के संस्थापक और सीईओ वरुण सतिया ने अपने मंच पर कहा कि “शिक्षा हमेशा प्रगति की आधारशिला रही है, लेकिन पिछले दशक में इसके वितरण में एक बेजोड़ बदलाव आएं हैं। भारत का एडटेक सेक्टर जिसका 2029 तक जीडीपी में 0.4% योगदान करने और 2030 तक 29 बिलियन डॉलर का मूल्यांकन प्राप्त करने का अनुमान है, इस परिवर्तन का एक प्रमुख चालक बन गया है। कक्षाओं को स्मार्टफोन में लाने से लेकर व्यक्तिगत शिक्षा को सक्षम करने तक एडटेक के वादे ने पहुंच को फिर से परिभाषित किया है।“
एडटेक क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हो रही वृद्धि के बारे में अन्य एडटेक-विशेषज्ञों का मानना है कि 2040 के दशक के अंत तक कई बड़े देश जैसे कि ब्रिटेन और यूरोप में एडटेक क्षेत्र के निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है, जो शैक्षिक चुनौतियों से निपटने में प्रौद्योगिकी की भूमिका की बढ़ती मान्यता से प्रेरित है। वहीं विशेषज्ञों का रिसर्च के आंकडों के अनुरूप यह अनुमान भी है कि 2042 तक एडटेक में निवेश तिगुना होकर लगभग 30 अरब डॉलर प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगा।