इस शिक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य तमिलनाडु में विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) शिक्षा को मजबूत करना है। साथ ही सैमसंग इस पहल के जरिए तमिलनाडु के कांचीपुरम और रानीपेट जैसे जिलों के 10 सरकारी स्कूलों में स्कूल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, STEM और डिजिटल शिक्षा को सक्षम बनाएगा, शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा और समग्र छात्र विकास में सहयोग करेगा। वहीं इस सहयोग से 3,000 से ज्यादा छात्र भी लाभान्वित होंगे।
इसके अलावा सैमसंग DigiArivu के एक हिस्से के रूप में टियर-2 और टियर-3 जिलों में शिक्षण इकोसिस्टम को बदलने के लिए एक समुदाय-केंद्रित मॉडल लागू करेगा। बता दें कि, यह कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों के साथ संयुक्त राष्ट्र जीसीएनआई के शोध, श्रीपेरंबदूर विनिर्माण संयंत्र में सैमसंग कर्मचारियों और क्षेत्र के सामुदायिक सदस्यों से प्राप्त इनपुट के आधार पर तैयार किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह हस्तक्षेप वास्तविक जमीनी जरूरतों को पूरा कर पाएगा या नहीं।
मुख्य क्षेत्रों के स्कूलों में मौजूदा स्टडी इकोसिस्टम को बिल्डिंग ऐज लर्निंग एड (BaLA) डिजाइनों के माध्यम से उन्नत करना और उसके बाद स्कूली बच्चों के बीच डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जरूरी उपकरण प्रदान किए जाएंगे, साथ ही इस कार्यक्रम में STEM विषयों पर गतिविधि-आधारित शिक्षा और शिक्षक-प्रशिक्षण सत्र भी शुरू किए जाएंगे।
केवल यही नहीं सैमसंग खेल किट भी उपलब्ध कराएगा और तमिल, अंग्रेजी और प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए लाइब्रेरी भी स्थापित करेगा। यह कक्षा 12 के छात्रों को करियर के एंगल से मार्गदर्शित करेगा, इसके अतिरिक्त स्कूली बच्चों के लिए फेमस एजुकेटर्स के भाषण सत्र आयोजित करवाएगा और स्वास्थ्य जागरूकता कैंप भी लगवाएगा।
कार्यक्रम का सफल आयोजन
कोट्टूरपुरम में अन्ना सेंटेनरी लाइब्रेरी में आयोजित इस शुभारंभ समारोह में तमिलनाडु सरकार के माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री थिरु डॉ.अंबिल महेश पोय्यामोझी तथा कांचीपुरम और रानीपेट के जिला कलेक्टरों ने भाग लिया और राज्य में STEM शिक्षा को मजबूत करने तथा डिजिटल क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य की जिम्मेदारी और सहभागिता की पुष्टि की।
इस संदर्भ में सैमसंग चेन्नई प्लांट के चेयरमैन एसएच यून ने कहा "सैमसंग का हमेशा से मानना रहा है कि तकनीक तभी शक्तिशाली बनती है जब यह दुनिया भर के युवाओं के लिए पहुंच, अवसर और आत्मविश्वास का विस्तार करती है। इसलिए डिजिअरिवू के माध्यम से हम एक डिजिटल रूप से सक्षम शिक्षण वातावरण तैयार कर रहे हैं जो तमिलनाडु के छात्रों को भविष्य के लिए तैयार कौशल विकसित करने, उनकी जिज्ञासा को मजबूत करने और भारत की तेजी से विकसित हो रही डिजिटल अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेने में मदद करेगा।
हमारा ध्यान केवल तकनीक को पेश करने पर ही नहीं, बल्कि शिक्षकों को सशक्त बनाने, समुदायों के उत्थान और यह सुनिश्चित करने पर भी है कि हर बच्चा चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, वह गुणवत्तापूर्ण डिजिटल शिक्षा का लाभ उठा सके। DigiArivu 'डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने' और भारत की भावी प्रतिभाओं को पोषित करने की हमारी निरंतर प्रतिबद्धता में एक और मजबूत कदम है।"
यूएन जीसीएनआई के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रत्नेश झा ने कहा "DigiArivu दर्शाता है कि जब व्यवसाय और समाज एक उद्देश्य के साथ मिलकर काम करते हैं, तो सार्थक सहयोग से क्या हासिल किया जा सकता है। यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया में, हमें तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए STEM शिक्षा और डिजिटल पहुंच को बढ़ावा देने के लिए सैमसंग के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। यह पहल वास्तव में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की भावना को मूर्त रूप देती है। यह सुनिश्चित करना कि भारत के डिजिटल भविष्य में कोई भी बच्चा पीछे न छूटे।"
DigiArivu के अलावा सैमसंग- 'सैमसंग इनोवेशन कैंपस' कार्यक्रम के माध्यम से तमिलनाडु में युवाओं के कौशल विकास को और मजबूत बना रहा है। इस वर्ष एसआईसी के तहत, सैमसंग तमिलनाडु में 5,000 छात्रों को उच्च-मांग वाले भविष्य-तकनीकी क्षेत्रों, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा और कोडिंग एवं प्रोग्रामिंग आदि में प्रशिक्षण दे रहा है।
अत: यह कार्यक्रम अग्रणी प्रशिक्षण एवं कौशल विकास संगठनों के साथ साझेदारी में क्रियान्वित किया जा रहा है, जिससे तमिलनाडु भर के छात्र उद्योग-संबंधित तकनीकी कौशल हासिल कर सकेंगे और अपनी रोजगार क्षमता बढ़ा सकेंगे। वहीं एसआईसी के माध्यम से सैमसंग राज्य के युवा शिक्षार्थियों को तेजी से विकसित हो रही भविष्य की तकनीकी अर्थव्यवस्था में करियर के लिए तैयार होने में भी मदद कर रहा है।