पंजाब एंटरप्रेन्योरशिप के मामले में अग्रणी रहा है, चाहे वह अपनी खेती में हो, उद्योगों में हो या विदेशों में जारी बिजनेस में हो, वर्तमान में यह भावना युवाओं में देखते हुए पंजाब अपने स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर्स, पाठ्यक्रम में उद्यमिता, व्यावसायिक मार्ग और बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ राज्य शिक्षा को एंटरप्रेन्योरशिप के साथ जोड़ रहा है।
पंजाब राज्य का कहना है कि अब पंजाब की शिक्षा प्रणाली अपनी कक्षाओं में कई बड़े बदलाव कर अपनी जड़ें जमा रहा है। सालों से हम अपने बच्चों से खूब पढ़ाई करने और अच्छी नौकरी पाने की उम्मीद करते आए हैं। इसलिए आज हम उन्हें रोजगार पैदा करने के लिए तैयार कर रहे हैं। यह बदलाव आवश्यकता और दूरदर्शिता से प्रेरित है। पिछले कुछ वर्षों में आकांक्षाओं में यह बदलाव इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जहां एक तरफ सरकारी नौकरियों में भर्ती कम होती गईं और निजी नौकरियां अक्सर परमानेंट न होकर कम वेतन वाली साबित हुईं और हर साल हजारों स्नातक पास होकर निकलते हैं और योग्य होने के बावजूद भी बेरोजगारी का सामना करने पर मजबूर हैं।
इस बीच उद्योग हमारी कक्षाओं से भी तेजी से विकसित हुए, जिससे शिक्षा और आजीविका के बीच का अंतर और भी बढ़ गया। इस समस्या और पंजाब के युवाओं में एंटरप्रेन्योरशिप की चिंगारी को भांपते हुए, सरकार ने अपनी भूमिका को केवल रोजगार प्रदान करने से बदलकर एंप्लॉयमेंट क्रिएटर बनाने में सक्षम बनाने की ओर मोड़ना शुरू कर दिया। साथ ही नीतियों और कार्यक्रमों की एक नई पीढ़ी ने भी आकार ले लिया है, जो नवाचार और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन की गई थीं।
पंजाब में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के नए प्रयासों को औद्योगिक एवं व्यावसायिक विकास नीति (आईबीडीपी), 2022 के साथ ठोस रूप मिला, जिसने नवाचार, स्टार्टअप और कौशल को राज्य की विकास रणनीति के केंद्र में रखा। पारंपरिक औद्योगिक प्रोत्साहनों से आगे बढ़ते हुए, इस नीति ने उद्यमिता को आर्थिक विविधीकरण, एमएसएमई प्रतिस्पर्धात्मकता और युवा रोजगार के प्रमुख चालक के रूप में मान्यता दी। इसने स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लक्षित उपायों की शुरुआत की, जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन और इनक्यूबेशन सहायता से लेकर आसान नियामक सुविधा तक शामिल हैं।
नीति से व्यवहार तक
जो एक औद्योगिक रणनीति के रूप में शुरू हुआ, वह जल्द ही व्यवहार में परिवर्तित हो गया और मानव संसाधन विकास पहल के रूप में विकसित हो गया। इस गति को आगे बढ़ाते हुए, पंजाब ने 2022 में सरकारी स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ नीति से व्यवहार की ओर एक निर्णायक कदम उठाया, जहां कक्षा 11 के छात्रों को बीज पूंजी, मार्गदर्शन और वास्तविक व्यावसायिक विचारों को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्राप्त हुआ, जिससे एंटरप्रेन्योरशिप जीवंत अनुभव में बदल गई।
यह मामूली सा पायलट प्रोजेक्ट अब एक राज्य का बड़ा आंदोलन बन गया है। किशोर छोटे-छोटे उद्यम स्थापित कर रहे हैं और कई लोग अपने पहले ₹500 के मुनाफे को उत्सुकता से थामे रहते हैं, न कि उसके आर्थिक मूल्य के लिए बल्कि इसलिए कि इससे यह साबित होता है कि उनका आइडिया कारगर है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वे वह सीख रहे हैं जो कोई भी पाठ्यपुस्तक नहीं सिखा सकती कि किसी उत्पाद की कीमत कैसे तय करें, ज़िम्मेदारियां कैसे बांटें, असफलताओं से कैसे निपटें, ग्राहकों से बातचीत कैसे करें और मुनाफा कमाते हुए भी नैतिकता कैसे बनाए रखें।
एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट
एंटरप्रेन्योरशिप का निर्माण करते हुए राज्य ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 11 में एंटरप्रेन्योरशिप को एक विषय के रूप में अपनाया है। 9 अक्टूबर, 2025 को शुरू किया गया एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम (EMC), भारत में अपनी तरह का पहला पाठ्यक्रम है। जो यह सुनिश्चित करता है कि छात्र व्यवसाय करके व्यवसाय सीखें। यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयों, आईटीआई और पॉलिटेक्निकों में अनिवार्य होगा, जहां प्रत्येक छात्र को केवल सिद्धांत का अध्ययन करने के बजाय प्रत्येक सेमेस्टर में परिभाषितस रेवेन्यू लक्ष्यों के साथ एक असली इंटरप्राइज चलाना आवश्यक होगा।
साथ ही पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी में AI-सक्षम प्लेटफॉर्म के माध्यम से वितरित, EMC छात्रों को उपकरण, मार्गदर्शन और वास्तविक समय की व्यावसायिक निगरानी से लैस करता है। वहीं इसमें छात्रों का काफी रूझान देखा जा रहा है, 27,000 से अधिक छात्रों ने अब तक इसमें पंजीकरण कराया है और अपनी एंटरप्रेन्योरशिप की यात्रा शुरू की है और लगभग 9,500 ने पायलट के तहत अपना पहला कार्य पूरा कर लिया है।
वहीं 2025-26 में 1.5 लाख विद्यार्थियों को शामिल करने तथा 2028-29 तक पांच लाख विद्यार्थियों तक विस्तार करने के लक्ष्य के साथ पंजाब अपनी शिक्षा प्रणाली को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वालों की लाइन में बदल रहा है। वहीं पंजाब का कहना है कि यदि हमारे 2.6 लाख वरिष्ठ माध्यमिक विद्यार्थियों में से कुछ अंश भी व्यवहार्य सूक्ष्म इंटरप्राइज शुरू करते हैं, तो यह एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम होगा, जिससे एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण होगा।
NEP 2020 के तहत व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा
व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के साथ पुनर्गठित किया जा रहा है। मध्य स्तर पर पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा पहल के तहत कक्षा 9 और 10 के छात्र डिजिटल एंटरप्रेन्योरशिप, लेखांकन, रिटेल संचालन, वेल्डिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, सौंदर्य एवं कल्याण, रसद और कृषि-प्रसंस्करण पर वैकल्पिक मॉड्यूल में से चुन सकते हैं। ये व्यावहारिक परियोजना-आधारित हैं और कक्षा 10 के बाद लचीले प्रमाणन से जुड़े हैं, जिसका उद्देश्य असफलता के डर को कम करना, रोजगार क्षमता को बढ़ाना और एंटरप्रेन्योरशिप को एक सुलभ विकल्प बनाना है। ये कदम नीति से शिक्षण की ओर एक ऐसी पीढ़ी का पोषण करते हैं जो आवेदकों की तरह नहीं, बल्कि इंटरप्रेन्योर की तरह सोचती है।
यह पहल देगी नवाचार को बढ़ावा
पंजाब लगातार अपनी एंटरप्रेन्योरशिप संरचना को मजबूत कर रहा है। इनोवेशन मिशन पंजाब (आईएमपंजाब) राज्य के नवाचार त्वरक के रूप में कार्य करता है, जो छात्रों और शुरुआती चरण के फाउंडर्स, इनक्यूबेटरों, निवेशकों और पूर्व छात्र नेटवर्क से जोड़ता है। इसने स्टार्टअप स्टूडियो के नाम से मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर में सन फाउंडेशन के इनक्यूबेशन सेंटर जैसे परिसरों में उद्यमिता प्रकोष्ठ स्थापित करने में मदद की है और ऐसे कार्यक्रम चलाता है जो अवधारणा से लेकर प्रोटोटाइप और अंततः बाजार के लिए तैयार उद्यमों तक विचारों का समर्थन करते हैं।
इसके पूरक के रूप में, स्टार्टअप पंजाब पहल और स्टार्टअप नीति वित्तीय आधार प्रदान करती है, जो सरकारी क्षेत्र में इनक्यूबेटरों के लिए ₹ 1 करोड़ तक और निजी संस्थानों के लिए ₹ 50 लाख तक के बीज अनुदान, ब्याज सब्सिडी और वित्त पोषण सहायता प्रदान करती है। साथ मिलकर वे एंटरप्रेन्योरशिप को जोखिम मुक्त करते हैं और युवा उद्यमों को जीवित रहने और फलने-फूलने के अवसर प्रदान करते हैं। अत: यह वास्तव में वह सेतु है जिसकी पंजाब के युवाओं को कक्षा के सिद्धांत और बाजार की वास्तविकता के बीच आवश्यकता है।
पंजाब का यह मॉडल इसलिए प्रभावशाली है क्योंकि यह पैसे से पहले सोच-समझ से शुरू होता है और एंटरप्रेन्योरशिप को एक मुख्यधारा का कौशल मानता है। शुरुआती अनुदान और वास्तविक दुनिया के दांव छात्रों को स्वामित्व, जवाबदेही और ऐसा आत्मविश्वास देते हैं जो कोई भी पाठ्यपुस्तक नहीं सिखा सकती। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह यात्रा स्कूल तक ही सीमित नहीं है, ईएमसी, कैंपस ई-सेल, इनक्यूबेटर और एक्सेलरेटर के माध्यम से, विचारों को व्यवहार्य उद्यमों में आगे बढ़ाया जाता है। यह स्टूडेंट एंटरप्राइज भले ही छोटे हों, वे स्थानीय स्तर पर खरीदते हैं, स्थानीय स्तर पर बेचते हैं और स्थानीय स्तर पर लाभ कमाते हैं, जिससे पड़ोस की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।
साझा समृद्धि की ओर
पंजाब सरकार का मानना है कि इस गति को बनाए रखने के लिए पंजाब को बुनियादी ढांचे में बदलना होगा, क्योंकि यह सफर चुनौतियों से रहित नहीं है, जैसे कि धन की निरंतरता, शिक्षक प्रशिक्षण और ग्रामीण भागीदारी, लेकिन अगर हम प्रतिबद्ध रहें तो इनमें से कोई भी चुनौती असंभव नहीं है, इसलिए यह प्रतिबद्धता कार्यों में झलकनी चाहिए साथ ही स्कूल एंटरप्राइज को कॉलेज क्रेडिट से जोड़ना, सीड फंडिंग बढ़ाना, व्यावसायिक प्रयोगशालाओं को मेकर स्पेस में बदलना, स्थानीय निवेशकों की पहुंच के साथ कैंपस इन्क्यूबेटरों को मजबूत करना और एक वार्षिक युवा उद्यम प्रकाशित करना ताकि मापे गए प्रयास कई गुना परिणाम प्राप्त कर सकें।